प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बार संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 80वें उच्च-स्तरीय सत्र में शामिल नहीं होंगे। उनकी जगह विदेश मंत्री एस. जयशंकर भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। यह सत्र 9 सितम्बर 2025 से शुरू होकर 29 सितम्बर 2025 तक चलेगा। इस दौरान वैश्विक मंच पर भारत की विदेश नीति, आर्थिक रणनीति और सुरक्षा एजेंडा पर चर्चा होगी।
🔹 संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) क्या है?
संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly – UNGA), संयुक्त राष्ट्र का सबसे बड़ा और अहम मंच है, जहां 193 देशों के प्रतिनिधि हर साल इकट्ठा होकर वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करते हैं।
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यह हर साल सितंबर में न्यूयॉर्क स्थित UN मुख्यालय में आयोजित होती है।
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यहां शांति, सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन, वैश्विक अर्थव्यवस्था, मानवाधिकार और अंतरराष्ट्रीय सहयोग जैसे मुद्दों पर नीतिगत बहस होती है।
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2025 का यह 80वां सत्र है, जो वैश्विक राजनीति के लिहाज से बेहद अहम माना जा रहा है।
🔹 पीएम मोदी इस बार क्यों नहीं जा रहे अमेरिका?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर साल इस वैश्विक मंच पर भारत की नुमाइंदगी करते आए हैं, लेकिन इस बार उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा 2025 में शामिल न होने का फैसला लिया है।
संभावित कारण:
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भारत की घरेलू राजनीतिक व्यस्तताएँ → सितंबर के अंतिम हफ्ते में भारत में कई बड़ी राजनीतिक बैठकें और रणनीतिक चर्चाएँ निर्धारित हैं।
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आर्थिक नीति पर फोकस → भारत सरकार ने इस महीने कई नए आर्थिक सुधार, विदेशी निवेश समझौते, और मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट्स पर महत्वपूर्ण निर्णय लेने हैं।
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रणनीतिक प्रतिनिधित्व → इस बार सरकार चाहती है कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर, जो वैश्विक कूटनीति में विशेषज्ञ माने जाते हैं, भारत का पक्ष मजबूती से रखें।
🔹 UNGA 2025 का पूरा शेड्यूल
तारीख | कार्यक्रम | मुख्य वक्ता |
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9 सितम्बर 2025 | 80वें सत्र की औपचारिक शुरुआत | UN महासचिव |
23 सितम्बर 2025 | उच्च-स्तरीय आम बहस की शुरुआत | ब्राजील |
23 सितम्बर 2025 | दूसरा संबोधन | अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप |
24-29 सितम्बर 2025 | वैश्विक मुद्दों पर बहस | विभिन्न देशों के नेता |
29 सितम्बर 2025 | आम बहस का समापन | UNGA अध्यक्ष |
🔹 डोनाल्ड ट्रंप का पहला बड़ा संबोधन
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 23 सितम्बर को प्रतिष्ठित UNGA मंच से विश्व नेताओं को संबोधित करेंगे।
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यह उनके दूसरे कार्यकाल का पहला संयुक्त राष्ट्र भाषण होगा।
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भारत पर हाल ही में लगाए गए 50% टैरिफ और रूसी तेल पर 25% अतिरिक्त कर की वजह से भारत-अमेरिका रिश्ते फिर सुर्खियों में हैं।
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माना जा रहा है कि ट्रंप अपने भाषण में ग्लोबल सिक्योरिटी, ट्रेड वॉर, और एशियाई देशों की नीतियों पर बड़ा बयान देंगे।
🔹 भारत की ओर से जयशंकर की भूमिका
विदेश मंत्री एस. जयशंकर एक अनुभवी कूटनीतिज्ञ हैं। उन्हें अमेरिका, चीन, रूस और यूरोप से जुड़ी अंतरराष्ट्रीय नीतियों की गहरी समझ है।
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वे UNGA 2025 में भारत की ओर से सीमा सुरक्षा, वैश्विक ऊर्जा संकट, जलवायु परिवर्तन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रेगुलेशन, और आतंकवाद विरोधी प्रयासों पर भारत की रणनीति प्रस्तुत करेंगे।
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उम्मीद है कि वे ट्रंप सरकार के टैरिफ पॉलिसी पर भी कड़ा रुख अपनाएंगे।
🔹 UNGA 2025 में भारत के प्रमुख एजेंडा
इस बार भारत के लिए कई अहम विषय प्रमुख रहने वाले हैं:
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वैश्विक आतंकवाद विरोधी रणनीति
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रूसी तेल प्रतिबंध और ऊर्जा नीति
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भारत-अमेरिका व्यापार तनाव
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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रेगुलेशन
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जलवायु परिवर्तन और सस्टेनेबल डेवलपमेंट
🔹 भारत-अमेरिका रिश्तों पर असर
डोनाल्ड ट्रंप के 50% टैरिफ लगाने के फैसले के बाद से भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक रिश्ते थोड़े तनावपूर्ण हुए हैं।
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विशेषज्ञों का मानना है कि जयशंकर की इस यात्रा से दोनों देशों के बीच मतभेदों को सुलझाने की कोशिश होगी।
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उम्मीद है कि भारत, अमेरिका से तेल आयात पर लगे 25% अतिरिक्त शुल्क हटाने की मांग करेगा।
🔹 संयुक्त राष्ट्र सत्र के भारत के लिए मायने
UNGA 2025 भारत के लिए अहम इसलिए है क्योंकि:
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भारत UN सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता की दिशा में अपनी दावेदारी मजबूत करना चाहता है।
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वैश्विक दक्षिण (Global South) की आवाज़ बनकर भारत खुद को एक वैश्विक नेतृत्वकर्ता के रूप में स्थापित करना चाहता है।
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भारत की डिजिटल इंडिया पहल, स्टार्टअप इंडिया, और ग्रीन एनर्जी प्रोग्राम को अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रमोट करने का मौका मिलेगा।
🔹 निष्कर्ष
संयुक्त राष्ट्र महासभा 2025 वैश्विक राजनीति, कूटनीति और व्यापारिक संबंधों के लिहाज से भारत के लिए बेहद अहम है। पीएम मोदी के न जाने के बावजूद, भारत की आवाज़ विदेश मंत्री एस. जयशंकर के माध्यम से मजबूत तरीके से उठेगी।