“तीन बाण के धारी” एक ऐसा भजन है जो भक्तों के हृदय को छू जाता है। इस भजन को प्रसिद्ध भजन गायक छोटू सिंह रावणा ने अपनी आवाज़ से अमर कर दिया है। श्याम बाबा को समर्पित यह गीत जीवन की मुश्किलों में आशा की किरण बनकर उभरता है।
अँधेरों की नगरी से,
कैसे मैं पार जाऊँ,
श्याम अब लेने आजा,
हौसला हार ना जाऊँ,
तीन बाण के धारी,
तीनो बाण चलाओ ना,
मुश्किल में है दास तेरा,
अब जल्दी आओ ना।
हारे के सहारे मेरे
हारे के सहारे,
मेरी हार हराओ ना,
तीन बाण के धारी,
तीनो बाण चलाओ ना,
मुश्किल में है दास तेरा,
अब जल्दी आओ ना।
तूफानों ने घेर लिया,
मुझे राह नजर ना आवे,
तुम बिन कौन मेरा जो,
मेरी बाँह पकड़ ले जावे,
भटक रहा राहों में,
बाबा पार लगाओ ना,
तीना बाण के धारी,
तीनो बाण चलाओ ना,
मुश्किल में है दास तेरा,
अब जल्दी आओ ना।
किसको रिश्ते गिनवाऊँ,
किसे जात बताऊँ मैं,
क्या क्या जख्म दिए जग ने,
किसे घात दिखाऊँ मैं
बिन कुछ पूछे श्याम हमारा,
कष्ट मिटाओ ना,
तीन बाण के धारी,
तीनो बाण चलाओ ना,
मुश्किल में है दास तेरा,
अब जल्दी आओ ना।
अनजानी नगरी में सब,
अनजाने लगते है,
हम तो तेरी याद में,
रो रो रातें जगते है,
बहता इन आँखों से बाबा,
नीर थमाओ ना,
तीन बाण के धारी,
तीनो बाण चलाओ ना,
मुश्किल में है दास तेरा,
अब जल्दी आओ ना।
कृष्ण को जिसने दान दिया,
उस दानी के आगे,
हमने सुना तेरी नाम लिए से,
संकट सब भागे,
छोटू की विपदा को बाबा
आग लगाओ ना,
तीन बाण के धारी,
तीनो बाण चलाओ ना,
मुश्किल में है दास तेरा,
अब जल्दी आओ ना।
तीन बाण के धारी,
तीनो बाण चलाओ ना,
मुश्किल में है दास तेरा,
अब जल्दी आओ ना,
हारे के सहारे मेरे
हारे के सहारे,
मेरी हार हराओ ना,
तीन बाण के धारी,
तीनो बाण चलाओ ना,
मुश्किल में है दास तेरा,
अब जल्दी आओ ना।
🔍 भजन की भावनात्मक व्याख्या
इस भजन में भक्त अपने जीवन की समस्याओं और मानसिक पीड़ा का उल्लेख करते हुए, श्याम बाबा से सहायता की गुहार लगाते हैं। कुछ प्रमुख भावनाएं:
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अंधकार से प्रकाश की ओर प्रार्थना:
“अँधेरों की नगरी से, कैसे मैं पार जाऊँ…” यह पंक्ति व्यक्ति की मानसिक पीड़ा और जीवन की कठिनाइयों को दर्शाती है। -
हारे हुए का सहारा:
“हारे के सहारे मेरे…” श्याम बाबा को अंतिम आशा के रूप में दर्शाता है। -
भक्ति और समर्पण:
यह भजन पूर्ण रूप से समर्पण भाव पर आधारित है, जहाँ भक्त अपने सभी दुखों का समाधान श्याम में खोजता है।
🙏 श्याम बाबा क्यों कहलाते हैं “तीन बाण के धारी”?
“तीन बाण” महाभारत के महान योद्धा बर्बरीक के प्रतीक हैं, जिन्हें श्याम बाबा के रूप में पूजा जाता है। बर्बरीक ने श्रीकृष्ण से युद्ध में तीन बाणों के साथ शामिल होने की इच्छा जताई थी। तभी से उन्हें तीन बाण के धारी कहा जाता है।
📌 भजन से मिलने वाले आध्यात्मिक लाभ
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मानसिक शांति और विश्वास की अनुभूति
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कठिन समय में उम्मीद की किरण
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भक्ति में एकाग्रता
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श्याम बाबा के प्रति श्रद्धा बढ़ती है