टैक्स बचत के कानूनी तरीके

टैक्स बचत के कानूनी तरीके — पूरी गाइड

भारत में टैक्स बचाने के कई वैध (कानूनी) विकल्प हैं, जिनका उपयोग करके आप अपनी कर देनदारी (Tax Liability) को कम कर सकते हैं और साथ ही अपनी बचत को बढ़ा सकते हैं। यह गाइड आपको Income Tax Act के तहत उपलब्ध प्रमुख डिडक्शंस, छूट और निवेश विकल्पों के बारे में बताएगी — ताकि आप न सिर्फ पैसा बचा सकें, बल्कि वित्तीय रूप से सुरक्षित भविष्य भी बना सकें।


1) धारा 80C के तहत निवेश

  • सीमा: ₹1,50,000 प्रति वित्त वर्ष

  • लोकप्रिय विकल्प:

    • PPF (Public Provident Fund) — 15 साल का लॉक-इन, टैक्स-फ्री रिटर्न।

    • ELSS (Equity Linked Savings Scheme) — 3 साल का लॉक-इन, मार्केट-लिंक्ड रिटर्न।

    • 5 साल की टैक्स-सेविंग FD — गारंटीड रिटर्न, मध्यम जोखिम।

    • NSC (National Savings Certificate) — सुरक्षित और सरकारी गारंटी।

    • EPF (Employees’ Provident Fund) — नौकरीपेशा के लिए अनिवार्य और लाभदायक।


2) धारा 80CCD(1B) — NPS में अतिरिक्त निवेश

  • अतिरिक्त छूट: ₹50,000 (80C के ऊपर)

  • लाभ: लंबी अवधि में रिटायरमेंट कॉर्पस और पेंशन, कम लागत वाला निवेश।


3) धारा 80D — स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम

  • स्वयं और परिवार के लिए: ₹25,000 तक

  • सीनियर सिटिजन के लिए: ₹50,000 तक

  • स्वास्थ्य बीमा टैक्स बचत के साथ-साथ आपको बड़े मेडिकल खर्च से भी सुरक्षा देता है।


4) धारा 24(b) — होम लोन ब्याज

  • सीमा: ₹2,00,000 प्रति वर्ष (सेल्फ-ऑक्युपाइड प्रॉपर्टी के लिए)

  • लाभ: घर खरीदने के साथ टैक्स बचत का फायदा।


5) शिक्षा ऋण पर ब्याज — धारा 80E

  • कोई सीमा नहीं: ब्याज पर 8 साल तक डिडक्शन

  • उच्च शिक्षा (देश/विदेश) के लिए लागू।


6) HRA (House Rent Allowance) छूट

  • किराए पर रहने वाले कर्मचारियों के लिए

  • वास्तविक किराया और बेसिक सैलरी के आधार पर छूट।


7) अन्य कानूनी तरीके

  • धारा 80G — चैरिटी में दान पर छूट

  • सेक्शन 10(14) — लीव ट्रैवल अलाउंस (LTA)

  • धारा 54 / 54F — पूंजीगत लाभ पर छूट (नया मकान खरीदने पर)


निष्कर्ष

टैक्स बचाने का सबसे प्रभावी तरीका है जल्दी और योजनाबद्ध निवेश शुरू करना। 80C, 80D, NPS, HRA और अन्य छूट का सही उपयोग कर आप न केवल टैक्स में राहत पा सकते हैं, बल्कि अपने वित्तीय लक्ष्यों को भी हासिल कर सकते हैं। हमेशा याद रखें — कानूनी और पारदर्शी तरीके अपनाना ही सबसे सुरक्षित रास्ता है।

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