भारतीय क्रिकेट में 20 सितंबर 2025 को एक नया अध्याय लिखा गया। स्मृति मंधाना ने नई दिल्ली में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे वनडे में मात्र 50 गेंदों पर शतक जड़कर विराट कोहली का ऑल-टाइम रिकॉर्ड तोड़ दिया। यह सिर्फ एक आँकड़ा नहीं, बल्कि महिला क्रिकेट की नई ताकत और आत्मविश्वास की कहानी है।
क्यों है यह शतक ऐतिहासिक?
2013 में जयपुर में खेले गए वनडे मैच में विराट कोहली ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 52 गेंदों पर शतक बनाया था। उस समय यह भारतीय क्रिकेट के लिए अविश्वसनीय उपलब्धि थी। 12 साल बाद, उसी विरोधी के खिलाफ स्मृति मंधाना ने 50 गेंदों पर शतक लगाकर न सिर्फ कोहली का रिकॉर्ड तोड़ा बल्कि महिला क्रिकेट को भी एक नई ऊंचाई पर पहुँचा दिया।
👉 यह सिर्फ व्यक्तिगत गौरव नहीं है, बल्कि इस बात का सबूत है कि महिला क्रिकेट अब पुरुष क्रिकेट की बराबरी के स्तर पर रोमांच और कौशल दिखा रहा है।
स्मृति मंधाना की पारी एक नजर में
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रन: 125
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गेंदें: 63
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चौके: 17
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छक्के: 5
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शतक पूरा किया: अलाना किंग की गेंद पर मिडविकेट के ऊपर छक्का लगाकर
मंधाना की यह पारी उस वक्त और भी अहम हो गई जब ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 412 रन बना दिए थे। भारत के लिए यह जवाबी हमला दर्शाता है कि टीम में अब जीत का जज़्बा किसी भी हालात में बरकरार है।
महिला क्रिकेट में मंधाना का दबदबा
स्मृति मंधाना अब महिला वनडे क्रिकेट की उन चुनिंदा बल्लेबाजों में शामिल हो गई हैं जिन्होंने सबसे ज़्यादा शतक जड़े हैं।
महिला वनडे में सबसे ज़्यादा शतक
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मेग लैनिंग – 15
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स्मृति मंधाना – 13
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सुझी बेट्स – 13
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टैमी ब्यूमोंट – 12
इसके अलावा, मंधाना ने लगातार दूसरे वनडे में शतक बनाकर अपना ही रिकॉर्ड दोहराया। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चौथा शतक जड़ा, जो बताता है कि वह बड़े मैचों में कितनी खतरनाक साबित होती हैं।
आँकड़ों में तुलना: कोहली बनाम मंधाना
खिलाड़ी | गेंदें (शतक) | विरोधी | वर्ष | परिणाम |
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विराट कोहली | 52 | ऑस्ट्रेलिया | 2013 | भारत ने 360 रन का लक्ष्य चेज़ किया |
स्मृति मंधाना | 50 | ऑस्ट्रेलिया | 2025 | भारत ने 400+ रन चेज़ की चुनौती स्वीकार की |
इस तुलना से साफ है कि मंधाना ने कोहली के रिकॉर्ड को उसी विरोधी के खिलाफ और भी तेज़ पारी से तोड़ा।
विशेषज्ञों और क्रिकेट जगत की प्रतिक्रिया
पूर्व कप्तान अनिल कुंबले ने कहा:
“स्मृति का यह शतक सिर्फ रिकॉर्ड तोड़ने वाला नहीं, बल्कि महिला क्रिकेट को नए युग में ले जाने वाला है।”
पूर्व बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण ने ट्वीट किया:
“स्मृति ने दिखा दिया है कि महिला क्रिकेट अब सीमाओं से परे जाकर इतिहास लिखने की क्षमता रखता है।”
महिला क्रिकेट का बदलता चेहरा
स्मृति मंधाना की पारी को समझने के लिए हमें महिला क्रिकेट के पिछले दशक को देखना होगा।
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2017 विश्व कप फाइनल के बाद से भारतीय महिला टीम ने बार-बार साबित किया है कि वे अब केवल “अंडरडॉग” नहीं हैं।
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बीसीसीआई के निवेश और WPL (वुमेंस प्रीमियर लीग) की शुरुआत ने खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तैयार किया।
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मंधाना, शेफाली वर्मा और हरमनप्रीत कौर जैसी खिलाड़ी अब वैश्विक स्तर पर महिला क्रिकेट की ब्रांड एंबेसडर बन चुकी हैं।
विश्व रिकॉर्ड के और करीब
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मंधाना का शतक महिला वनडे इतिहास का दूसरा सबसे तेज़ शतक है।
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पहला रिकॉर्ड अभी भी मेग लैनिंग के नाम है, जिन्होंने 2012 में न्यूजीलैंड के खिलाफ 45 गेंदों पर शतक जड़ा था।
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अगर मंधाना का फॉर्म इसी तरह जारी रहा, तो निकट भविष्य में यह रिकॉर्ड भी भारतीय बल्लेबाज के नाम हो सकता है।
क्यों मायने रखता है यह शतक?
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भारतीय महिला क्रिकेट की वैश्विक पहचान मजबूत हुई।
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क्रिकेट प्रेमियों को नया रोमांच मिला, खासकर युवा महिला खिलाड़ियों को प्रेरणा।
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पुरुष और महिला क्रिकेट के बीच की तुलना में अब संतुलन और स्पष्ट दिख रहा है।
निष्कर्ष: महिला क्रिकेट का नया युग
स्मृति मंधाना का 50 गेंदों पर शतक सिर्फ विराट कोहली का रिकॉर्ड तोड़ने की कहानी नहीं है, बल्कि भारतीय महिला क्रिकेट के आत्मविश्वास और ताकत का प्रतीक है।
आने वाले समय में मंधाना और उनकी पीढ़ी की खिलाड़ी शायद और भी कई रिकॉर्ड तोड़ेंगी। यह शतक एक संदेश है—महिला क्रिकेट अब सिर्फ “देखने लायक” नहीं, बल्कि “याद रखने लायक” है।
👉 आपका क्या मानना है? क्या स्मृति मंधाना आने वाले समय में मेग लैनिंग का 15 शतकों का रिकॉर्ड तोड़कर महिला क्रिकेट की सबसे बड़ी बल्लेबाज बन पाएंगी?