रावण के विविध रूप

Google भी हैरान: क्यों सर्च हो रहा है ‘रावण का असली रूप’?

जब भी हम रावण का नाम सुनते हैं, तो ज़हन में उभरती है एक भयावह छवि—दस सिरों वाला राक्षस, जिसने सीता का हरण किया और अंततः भगवान राम के हाथों मारा गया। यह वही रावण है जिसे हम वाल्मीकि की रामायण और तुलसीदास की रामचरितमानस के जरिए जानते हैं। लेकिन क्या यह रावण की इकलौती छवि है?

सच्चाई यह है कि भारतीय परंपरा में रावण के कई रूप मिलते हैं। जैन ग्रंथों, लोक कथाओं और अन्य धार्मिक विचारधाराओं में रावण को सिर्फ एक खलनायक नहीं बल्कि एक पंडित, भक्त, और गहरे आध्यात्मिक ज्ञान वाले पात्र के रूप में भी चित्रित किया गया है।

इस लेख में हम जानेंगे:

  • रावण की विविध छवियों के बारे में

  • जैन परंपरा में रावण का स्थान

  • लोक कथाओं में रावण की व्याख्या

  • शिवभक्त और विद्वान रावण की कहानियाँ


वाल्मीकि की रामायण का रावण: शक्ति और अहंकार का संगम

रावण का परिचय

  • पिता: ऋषि विश्रवा (ब्रह्मा के वंशज)

  • माता: कैकसी (राक्षसी कुल की राजकुमारी)

  • भाई: कुंभकर्ण, विभीषण और सौतेले भाई कुबेर

शक्तियाँ और वरदान

  • ब्रह्मा से वरदान प्राप्त: देवता, असुर, यक्ष, किन्नर, गंधर्व उसे न मार सकें

  • गलती: मनुष्य और वानर को कमज़ोर समझकर वरदान से बाहर रखा

सत्ता का उदय

  • कुबेर से लंका और पुष्पक विमान छीना

  • तीनों लोकों में आतंक फैलाया

  • यज्ञों में विघ्न, ऋषियों की हत्या, स्त्रियों का हरण

सीता हरण और अंत

  • शूर्पणखा के अपमान का बदला लेने के लिए सीता का अपहरण किया

  • यही कार्य अंत में रावण के पतन का कारण बना


जैन परंपरा में रावण: एक प्रतिनायक, ना कि खलनायक

पौमचर्यम का रावण

  • लेखक: जैन मुनि विमलसूरी

  • भाषा: प्राकृत

  • अनुसार: रावण “विद्याधर” था, न कि राक्षस

शलाका पुरुष सिद्धांत

  • 63 महापुरुषों में रावण का स्थान

  • राम – बलदेव (धर्मनिष्ठ)

  • लक्ष्मण – वासुदेव (युद्धकर्ता)

  • रावण – प्रतिवासुदेव (बलशाली विपक्ष)

महत्वपूर्ण अंतर

  • राम ने रावण से युद्ध नहीं किया, क्योंकि वे बलदेव थे

  • लक्ष्मण ने रावण का वध किया

  • भविष्य में रावण तीर्थंकर के रूप में जन्म लेगा


लोक कथाओं में रावण: एक दुखी पिता, एक misunderstood शासक

सीता रावण की पुत्री?

  • थाई महाकाव्य ‘राम की येन’ और वासुदेव हिंदी: सीता रावण और मंदोदरी की बेटी थी

  • रावण ने उसे संदूक में रखकर मिथिला के खेतों में दबा दिया

  • राजा जनक को वह कन्या मिली – वही बनी सीता

अद्भुत रामायण की कथा

  • मंदोदरी ने ऋषियों के रक्त से बने कलश का सेवन किया

  • उसी से गर्भवती हुई – सीता का जन्म

तमिलनाडु की कंभ रामायण

  • रावण ने सीता को नहीं छुआ, बल्कि ज़मीन समेत उसकी कुटिया उठाकर लंका ले गया


रावण: महापंडित और शिव भक्त

भागवत पुराण के अनुसार

  • जय और विजय का अवतार: विष्णु के द्वारपाल जो पृथ्वी पर शाप से जन्मे

  • उद्देश्य: विष्णु अवतार राम से मृत्यु पाकर मोक्ष प्राप्त करना

शिवभक्त रावण की कहानी

  • कैलाश पर्वत उठाने की कोशिश

  • भगवान शिव ने अंगूठे से पर्वत दबाया

  • रावण ने पीड़ा में “शिव तांडव स्तोत्र” की रचना की

  • शिव प्रसन्न होकर चंद्रहास तलवार दी और “रावण” नाम दिया

संगीतज्ञ और ग्रंथकार

  • रावण ने ‘रावण संहिता’ नामक तांत्रिक और ज्योतिष ग्रंथ की रचना की

  • वीणा वादन में निपुण

  • ‘रावण हत्था’ नामक वाद्य यंत्र का आविष्कार


जब रावण बना राम का पुरोहित

  • राम ने लंका विजय से पहले शिव की पूजा हेतु यज्ञ कराने के लिए रावण को आमंत्रित किया

  • रावण ने ब्राह्मण धर्म का पालन किया और शत्रु के लिए यज्ञ संपन्न कराया

  • यजमान राम से आशीर्वाद मांगने पर कहा: “विजय भव”


निष्कर्ष: रावण सिर्फ एक खलनायक नहीं

भारतीय परंपरा की विविधता में रावण का चरित्र एक बहुआयामी दर्पण की तरह है। वह केवल रामायण का विलेन नहीं, बल्कि एक:

  • तपस्वी,

  • पंडित,

  • शिवभक्त,

  • नीतिज्ञ,

  • और लोक-पुरुष भी था।

रावण की यह विविध छवियां यह दर्शाती हैं कि भारत की सांस्कृतिक धारा एक विचार या ग्रंथ तक सीमित नहीं है। हर युग, हर क्षेत्र, हर विचारधारा ने रावण को अपने नजरिए से देखा और उसे नया रूप दिया।

और यही कारण है कि हजारों वर्षों बाद भी रावण की कहानी हमारे बीच जीवित है – कभी सवाल बनकर, कभी सबक बनकर।

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