अमेरिका और भारत के बीच व्यापारिक तनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बड़ा बयान सामने आया है। पीएम मोदी ने साफ कहा है कि भारत अपने किसानों, मछुआरों और डेयरी किसानों के हितों से किसी भी कीमत पर समझौता नहीं करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि अगर इन हितों की रक्षा के लिए उन्हें व्यक्तिगत स्तर पर कोई कीमत भी चुकानी पड़ी, तो वे इसके लिए पूरी तरह तैयार हैं।
यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब अमेरिका ने भारतीय कृषि उत्पादों पर 50% तक आयात शुल्क बढ़ा दिया है। इससे दोनों देशों के बीच ट्रेड वॉर की स्थिति बन गई है।
🌾 स्वामीनाथन की जन्मशताब्दी पर दिया गया बयान
प्रधानमंत्री मोदी शुक्रवार को प्रख्यात कृषि वैज्ञानिक डॉ. एम. एस. स्वामीनाथन की जन्म शताब्दी पर आयोजित तीन दिवसीय वैश्विक सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने किसानों को देश की रीढ़ बताते हुए कहा:
“भारत के किसान सिर्फ भोजन पैदा नहीं करते, बल्कि देश की आत्मा को संजीवनी देते हैं। हम उनके साथ कभी अन्याय नहीं होने देंगे, चाहे इसके लिए मुझे व्यक्तिगत बलिदान ही क्यों न देना पड़े।“
🧊 भारत पर अमेरिकी टैरिफ का असर
अमेरिका द्वारा 50% टैरिफ बढ़ाए जाने के फैसले का सीधा असर चावल, मसाले, चाय, डेयरी उत्पाद और समुद्री खाद्य पदार्थों पर पड़ेगा। भारत इन क्षेत्रों में एक बड़ा निर्यातक है और इससे करोड़ों किसानों और व्यापारियों की आमदनी प्रभावित हो सकती है।
विशेषज्ञ मान रहे हैं कि यह कदम अमेरिका द्वारा भारत पर दबाव बनाने की रणनीति का हिस्सा है, खासकर जब दोनों देशों के बीच एफटीए (Free Trade Agreement) को लेकर बातचीत ठप पड़ी हुई है।
🇮🇳 भारत का रुख कड़ा – किसानों से कोई समझौता नहीं
पीएम मोदी के इस बयान से यह स्पष्ट हो गया है कि भारत अंतरराष्ट्रीय दबाव में झुकने वाला नहीं है। सरकार किसानों के हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए ‘भारत फर्स्ट’ नीति पर कायम है।
केंद्र सरकार के सूत्रों के मुताबिक, वाणिज्य मंत्रालय जल्द ही अमेरिका के इस फैसले के खिलाफ WTO (विश्व व्यापार संगठन) में शिकायत दर्ज करा सकता है।
📣 राजनीतिक प्रतिक्रिया भी तेज
प्रधानमंत्री के बयान के बाद राजनीतिक हलकों में हलचल तेज हो गई है। विपक्षी पार्टियां जहां एक ओर अमेरिका के साथ बिगड़ते रिश्तों को लेकर चिंता जता रही हैं, वहीं सत्तारूढ़ दल पीएम के रुख को किसानों के लिए एक मजबूत संदेश बता रहा है।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, “हम पीएम के किसानों के प्रति समर्पण का स्वागत करते हैं, लेकिन हमें अमेरिका के साथ संबंधों को बिगाड़ने से पहले कूटनीति का रास्ता नहीं छोड़ना चाहिए।”
🔍 अब आगे क्या?
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भारत अमेरिका के इस फैसले पर प्रतिक्रिया स्वरूप कुछ अमेरिकी उत्पादों पर प्रतिशोधात्मक शुल्क लगाने पर विचार कर रहा है।
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अगले हफ्ते वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और विदेश मंत्री एस. जयशंकर अमेरिका के वरिष्ठ अधिकारियों से आपात बातचीत कर सकते हैं।
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इस मामले पर संसद में भी बहस होने की संभावना है।
✅ निष्कर्ष
प्रधानमंत्री मोदी का यह बयान किसानों के समर्थन में सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। साथ ही यह संकेत भी देता है कि भारत वैश्विक मंच पर अपने हितों की रक्षा के लिए किसी भी तरह का कदम उठाने को तैयार है – चाहे उसके लिए व्यक्तिगत राजनीतिक कीमत ही क्यों न चुकानी पड़े।