फिल्म अंजाम

पल पल जीना मुहाल है लिरिक्स – फिल्म अंजाम का दर्दभरा गाना

फिल्म ‘अंजाम’ (1994) का गाना “पल पल जीना मुहाल है” आज भी संगीत प्रेमियों के दिलों में बसा हुआ है। इस इमोशनल रोमांटिक गीत को आवाज़ दी है अभिजीत भट्टाचार्य ने और इसके बोल लिखे हैं समीर ने। आनंद-मिलिंद की जोड़ी द्वारा रचित ये गाना न केवल दिल को छूता है, बल्कि प्यार में बिछड़ने की पीड़ा को भी बखूबी बयां करता है।


🎧 गाने की मुख्य जानकारी

विशेषता विवरण
🎬 फिल्म अंजाम (Anjaam)
🎤 गायक अभिजीत भट्टाचार्य
📝 गीतकार समीर
🎼 संगीतकार आनंद-मिलिंद
📅 रिलीज़ वर्ष 1994
🎭 कलाकार शाहरुख खान, माधुरी दीक्षित

📝 पल पल जीना मुहाल है लिरिक्स (हिंदी में)

पल पल जीना मुहाल है,
दिल भी पागल साल है,
तुम न जाने किस जहाँ में खो गए।

हर घड़ी ये निगाह,
तुमको ढूंढे ब-वज़ा,
तुम न जाने किस जहाँ में खो गए।

क्या हुआ क्या नहीं,
क्या पता कुछ भी नहीं,
फिर भी दिल में आप याद आते रहे।
याद आते रहे…

एक ऐसी उलझन में दिल फंसा है,
हर राहें जाकर घूमती वहीं हैं।

पल पल जीना मुहाल है,
दिल भी पागल साल है,
तुम न जाने किस जहाँ में खो गए।

मुझको तुम मिल गए,
तो साँसें मिल गईं,
वरना मर के भी मैं जीता रहता यहाँ।
जीता रहता यहाँ…

तुमको पाना मेरी ज़िंदगी थी,
तुमको खोना मेरी ज़िंदगी है।

पल पल जीना मुहाल है,
दिल भी पागल साल है,
तुम न जाने किस जहाँ में खो गए।


❤️ इस गाने की खासियत

  • भावनाओं से भरपूर: गाने के बोल दर्द और प्रेम का अद्भुत मिश्रण हैं।

  • अभिजीत की आवाज़: इस गाने में उनकी गायकी ने एक नई ऊंचाई छूई थी।

  • फिल्म के संदर्भ में: यह गीत तब आता है जब फिल्म का नायक अपनी मोहब्बत से जुदा हो चुका होता है।

  • आज भी लोकप्रिय: यूट्यूब और म्यूजिक ऐप्स पर यह गाना आज भी ट्रेंड करता रहता है।


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