
1967 में कर्पूरी ठाकुर का वो फैसला, जिसने लाखों छात्रों की ज़िंदगी बदल दी
साल 1967 भारत की शिक्षा व्यवस्था के लिए एक अहम मोड़ साबित हुआ।आज़ादी के दो दशक बाद देश में IIT, AIIMS और कई विश्वविद्यालय स्थापित हो चुके थे, लेकिन उच्च शिक्षा अभी भी शहरी और अंग्रेजी जानने वाले वर्ग तक सीमित थी।इसी दौर में बिहार के शिक्षा मंत्री कर्पूरी ठाकुर ने एक ऐसा साहसी फैसला…