ममता बनर्जी बंगाली अस्मिता

जय बांग्ला’ बोलो या गिरफ्तार हो जाओ? ममता ने बीजेपी पर बोला हमला

🔰 मुख्य बातें एक नजर में

  • ममता बनर्जी का आरोप: “बांग्ला बोलने पर लोगों को बांग्लादेशी कहा जा रहा है।”

  • चुनाव आयोग पर भी लगाए गंभीर आरोप – “बीजेपी के इशारे पर हो रहा काम”

  • ‘जय बांग्ला’ के नारे के साथ किया जनता से समर्थन का आह्वान

  • झारग्राम में ‘भाषा आंदोलन’ मार्च के बाद हुआ ये बड़ा बयान


📢 ममता बनर्जी का सीधा हमला: “या तो गिरफ्तार करो या गोली मारो”

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने आगामी विधानसभा चुनाव से पहले एक बार फिर बंगाली अस्मिता का मुद्दा उछालते हुए बीजेपी और चुनाव आयोग पर तीखा हमला बोला है।

झारग्राम में आयोजित ‘भाषा आंदोलन मार्च’ के बाद उन्होंने कहा:

“आज अगर कोई बांग्ला में बोलता है, तो उसे बांग्लादेशी करार दिया जाता है। लोग डरे हुए हैं। पर मैं डरने वाली नहीं हूं। या तो गिरफ्तार कर लो या गोली मार दो, लेकिन मैं बंगाली भाषा का अपमान नहीं सहूंगी।”


🗣️ बंगाली भाषा पर हमला: ममता की भावनात्मक अपील

मुख्यमंत्री ने बंगाली संस्कृति और पहचान की बात करते हुए सवाल उठाया:

  • “अगर कोई बांग्ला बोले, तो उसे रोहिंग्या कहा जाता है?”

  • “रवींद्रनाथ टैगोर, स्वामी विवेकानंद जैसे महान लोग किस भाषा में बोले?”

उन्होंने तंज कसते हुए कहा:

“अगर स्वामी विवेकानंद आज जिंदा होते, तो कहते – मुझे ऐसा देश नहीं चाहिए!”


⚔️ बीजेपी और वामपंथ पर जमकर बरसीं

ममता बनर्जी ने पुराने वाम मोर्चा शासन को भी कटघरे में खड़ा किया। उन्होंने झारग्राम में कहा:

“एक समय था जब लोग स्वास्थ्य लाभ के लिए झारग्राम आते थे, लेकिन वाम शासन में गोलटोर, बेलपहाड़ी और झारग्राम का नाम सुनते ही डर लगता था।”


🗳️ चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप

मुख्यमंत्री ने चुनाव आयोग पर बीजेपी के इशारे पर काम करने का आरोप लगाते हुए कहा:

“कल चुनाव आयोग ने अधिकारियों को सस्पेंड किया। ये कार्रवाई बीजेपी के दबाव में की गई है। हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे।”

उन्होंने ये भी कहा कि चुनाव के दौरान लोगों को नई मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने के लिए सावधान रहना चाहिए। उन्होंने जनता से अपील की:

  • “एक भी वोटर का नाम मत छूटने देना।”

  • “बीजेपी असम जैसा डिटेंशन कैंप मॉडल लागू करना चाहती है।”


✊ ‘जय बांग्ला’ का नारा, आंदोलन का ऐलान

ममता बनर्जी ने बंगाली अस्मिता को बचाने के लिए लोगों से आंदोलन में साथ आने का आह्वान किया। उन्होंने कहा:

“अगर कोई बुलाए, तो गर्व से कहो – जय बांग्ला!


🔎 निष्कर्ष: बंगाल चुनाव से पहले गरमा रहा है माहौल

बंगाल की राजनीति एक बार फिर भाषा, संस्कृति और अस्मिता के मुद्दों पर गर्मा गई है। ममता बनर्जी ने जिस तीखे अंदाज में बीजेपी और चुनाव आयोग पर आरोप लगाए हैं, उससे साफ है कि आगामी चुनावों में यह एक बड़ा चुनावी मुद्दा बनने वाला है।

क्या बंगाली अस्मिता पर ममता का यह दांव चुनावी समीकरण बदल पाएगा? यह देखने वाली बात होगी।

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