36 वर्षीय हाथी महादेवी (माधुरी)

महादेवी हाथी की घर वापसी? फडणवीस ने दिया बड़ा बयान

36 वर्षीय हाथी महादेवी (माधुरी) को लेकर देशभर में भावनात्मक माहौल बन गया है। पिछले तीन दशकों से कोल्हापुर स्थित जैन मठ के साथ जुड़ी महादेवी को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद गुजरात के जामनगर स्थित वंतारा केंद्र भेजा गया था। अब इस मुद्दे पर महाराष्ट्र सरकार ने हस्तक्षेप किया है और वंतारा प्रबंधन ने भी स्पष्ट किया है कि उनका महादेवी पर कोई स्थायी दावा नहीं है।


🏛 मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की प्रतिक्रिया

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार को वंतारा प्रबंधन से मुलाकात की और महादेवी की वापसी को लेकर चर्चा की। उन्होंने कहा:

“वंतारा प्रबंधन ने मुझे आश्वासन दिया है कि वे महाराष्ट्र सरकार द्वारा दायर की जाने वाली याचिका में सहयोग करेंगे, ताकि महादेवी हाथी को नंदनी मठ लौटाया जा सके।”

फडणवीस ने यह भी कहा कि वन विभाग कोल्हापुर के नंदनी मठ के पास एक पुनर्वास केंद्र बनाने पर विचार कर रहा है, जिससे महादेवी की देखभाल स्थानीय स्तर पर ही हो सके।


🐘 वंतारा का आधिकारिक बयान

वंतारा केंद्र ने भी इस मुद्दे पर बयान जारी किया है, जिसमें कहा गया:

“हम महादेवी (माधुरी) के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को समझते हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन करते हुए हमने उन्हें अस्थायी रूप से अपने संरक्षण में लिया है। अगर कोर्ट अनुमति देता है, तो हम उनके सुरक्षित और सम्मानजनक पुनर्वास में पूर्ण सहयोग करेंगे।”


🏥 प्रस्तावित पुनर्वास केंद्र की सुविधाएं

वंतारा ने महाराष्ट्र सरकार और जैन मठ के साथ मिलकर कोल्हापुर में एक सैटेलाइट पुनर्वास केंद्र की स्थापना का प्रस्ताव दिया है, जिसमें निम्नलिखित सुविधाएं होंगी:

  • हाइड्रोथेरेपी तालाब – जोड़ और मांसपेशियों के लिए

  • स्विमिंग एरिया – प्राकृतिक गतिविधियों के लिए

  • लेज़र थेरेपी कक्ष – इलाज और पुनर्वास हेतु

  • रात के लिए सुरक्षित आश्रय

  • खुला हरित क्षेत्र – बिना ज़ंजीरों के विचरण हेतु

  • सैंड पिट – प्राकृतिक व्यवहार को बढ़ावा देने के लिए

  • 24×7 पशु चिकित्सा सुविधा

  • रबरयुक्त फर्श – पैरों के आराम के लिए

  • ढलान वाले सॉफ्ट सैंड टीले – गठिया राहत और रिकवरी के लिए


🧑‍⚖️ कानूनी प्रक्रिया और जनभावनाएं

  • सुप्रीम कोर्ट ने 22 जुलाई को बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश को बरकरार रखते हुए महादेवी को वंतारा भेजने का निर्णय दिया था।

  • इस फैसले के बाद PETA जैसी संस्थाओं ने कोर्ट में याचिका दायर की थी कि महादेवी की देखभाल सही तरीके से नहीं हो रही थी।

  • इसके बाद 28 जुलाई को हाथी को वंतारा केंद्र भेजा गया, जहाँ उसके स्वास्थ्य में सुधार की उम्मीद की गई।

मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा:

“जनता की भावनाओं को देखते हुए, राज्य सरकार कानूनी प्रक्रिया में हस्तक्षेप करेगी और जैन मठ की ओर से सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन दायर की जाएगी।”


🙏 महादेवी: एक आस्था और परंपरा का प्रतीक

  • महादेवी उर्फ माधुरी, 1992 से कोल्हापुर स्थित स्वस्तिश्री जैन मठ में रही हैं।

  • स्थानीय लोग उन्हें देवी स्वरूप मानते हैं और उनकी दिनचर्या मंदिर में विशेष विधियों से होती रही है।


🔚 निष्कर्ष

महादेवी हाथी की वापसी को लेकर अब महाराष्ट्र सरकार, जैन मठ और वंतारा सभी एकसाथ कोर्ट में समाधान की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। यह मामला सिर्फ एक हाथी की देखभाल का नहीं, बल्कि आस्था, कानून और पशु कल्याण के संतुलन का प्रतीक बन गया है।

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