Adivasi Kurmi Samaj protest

Adivasi Kurmi Samaj Protest 2025: रेलवे और रोड अवरोध की पूरी रिपोर्ट

सितंबर 2025 में Adivasi Kurmi Samaj ने Scheduled Tribe (ST) दर्जा की मांग को लेकर एक बड़ा आंदोलन शुरू किया। झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के कई हिस्सों में रेल और सड़क अवरोध ने लाखों यात्रियों को प्रभावित किया। क्या यह आंदोलन केवल स्थानीय मुद्दा है या सामाजिक न्याय और संवैधानिक अधिकारों की बहस का हिस्सा है? चलिए विस्तार से समझते हैं।


आंदोलन का ऐतिहासिक और संवैधानिक संदर्भ

  • Kurmi समुदाय का इतिहास:
    1931 की जनगणना में Kurmi को ST वर्ग में शामिल किया गया था, लेकिन 1950 में सूची से हटाया गया

  • सरकारी सिफारिशें:
    2004 में झारखंड सरकार ने इस समुदाय को ST सूची में शामिल करने की सिफारिश की थी, बजाय इसके कि इसे OBC में रखा जाए।

  • भाषाई मांग:
    Kurmali भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग। आठवीं अनुसूची में वर्तमान में 22 अनुसूचित भाषाएँ हैं।

विशेषज्ञ राय: सामाजिक न्याय विशेषज्ञ डॉ. अजय सिंह के अनुसार, “ST दर्जा सिर्फ आरक्षण या लाभ का मुद्दा नहीं है, यह समुदाय की पहचान और सांस्कृतिक संरक्षण का सवाल है।”


रेल और सड़क अवरोध का वास्तविक प्रभाव

Jharkhand में स्थिति

  • मुख्य स्टेशन प्रभावित: Muri, Tatisilwai, Jhimri

  • ट्रेन संचालन: कई ट्रेनें रोक दी गईं, कुछ डायवर्ट और कुछ शॉर्ट-टर्मिनेट।

  • असली असर: Ranchi-Varanasi Vande Bharat Express और Ranchi-Dumka Express जैसी प्रमुख ट्रेनें प्रभावित हुईं।

Pawan Kumar, RPF के वरिष्ठ अधिकारी, बताते हैं:

“सैकड़ों लोग रेलवे ट्रैक पर जमा थे। ट्रेन संचालन लगभग 2-3 घंटे प्रभावित रहा। प्रशासन ने कुछ ट्रेनों को शाम के समय के लिए शेड्यूल किया।”

West Bengal में सुरक्षा तंत्र

  • अधिक पुलिस डिप्लॉयमेंट: Paschim Medinipur, Jhargram और Bankura

  • घटना: Kotshila स्टेशन में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पत्थर फेंके।

  • निष्कर्ष: अधिकांश इलाके शांतिपूर्ण रहे, प्रशासन सतर्क रहा।


रेल और प्रशासनिक आंकड़े (South Eastern Railway – SER)

दिनांक कुल रद्द ट्रेनें डायवर्ट शॉर्ट-टर्मिनेट रुकावटी ट्रेनें
20 Sep 2025 43 20 24 8
21 Sep 2025 12

SER प्रेस रिलीज़: “कुछ स्टेशनों पर आंदोलन जारी है, जबकि Bhanjpur, Sonua, Kotshila और Hesalong से आंदोलन वापस लिया गया।”


आंदोलनकारियों का पक्ष

राजेश महतो, Adivasi Kurmi Samaj के प्रमुख सलाहकार:

“पुलिस हमारे नेताओं को हिरासत में ले रही है और गांवों में समुदाय को डराने का प्रयास कर रही है। हमारा आंदोलन जारी रहेगा।”

  • आंदोलन का उद्देश्य: ST दर्जा और Kurmali भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करना।

  • इलाकाई प्रभाव: हजारों समुदाय सदस्य सड़क और रेलवे मार्गों पर मौजूद।


सामाजिक और आर्थिक दृष्टिकोण

  1. आरक्षण और सरकारी योजनाएं: ST दर्जा मिलने से शिक्षा, रोजगार और सरकारी योजनाओं में लाभ।

  2. सांस्कृतिक संरक्षण: Kurmali भाषा की मान्यता से साहित्य और सांस्कृतिक धरोहर सुरक्षित।

  3. आंदोलन का राजनीतिक महत्व: स्थानीय राजनीति और प्रशासनिक फैसलों पर दबाव।


निष्कर्ष: क्यों यह आंदोलन महत्वपूर्ण है?

Adivasi Kurmi Samaj का आंदोलन सिर्फ यातायात बाधा नहीं है, बल्कि सामाजिक न्याय, पहचान और संवैधानिक अधिकारों का मुद्दा है। प्रशासन की तत्परता ने स्थिति नियंत्रित की, लेकिन आने वाले समय में अदालत, सरकार और समुदाय के बीच संवाद और समाधान महत्वपूर्ण होगा।

Takeaway:

  • आंदोलन सामाजिक और राजनीतिक परिप्रेक्ष्य दोनों में अहम।

  • ST दर्जा मिलने से समुदाय को शिक्षा, रोजगार और सांस्कृतिक पहचान में स्थायी लाभ मिलेगा।

  • पाठक के लिए सीख: यह घटना दिखाती है कि स्थानीय मुद्दे राष्ट्रीय और संवैधानिक बहस में कैसे बदल सकते हैं

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