किचन वास्तु शास्त्र

रसोई घर का वास्तु: समृद्धि और सेहत का मार्ग

किचन वास्तु शास्त्र क्यों है ज़रूरी?

भारतीय घरों में रसोई घर सिर्फ़ खाना बनाने की जगह नहीं, बल्कि समृद्धि और स्वास्थ्य का प्रतीक माना जाता है। किचन वास्तु शास्त्र के अनुसार सही दिशा, रंग और उपकरणों की स्थिति परिवार की सुख-समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य से सीधा जुड़ा होता है।


आग्नेय कोण और किचन की दिशा

  • रसोई घर बनाने के लिए आग्नेय कोण (दक्षिण-पूर्व दिशा) सबसे शुभ मानी जाती है।

  • अगर यह दिशा उपलब्ध न हो तो उत्तर-पश्चिम दिशा का चुनाव किया जा सकता है।

  • उत्तर-पूर्व दिशा में रसोई बनाने से बचना चाहिए क्योंकि यह पूजा और शांति का स्थान है।


गैस चूल्हे की स्थिति (Gas Stove Vastu)

  • गैस चूल्हा या स्टोव हमेशा दक्षिण-पूर्व में ही रखें।

  • खाना बनाते समय व्यक्ति का चेहरा पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए।

  • चूल्हे को उत्तर या पश्चिम की दीवार पर लगाना अशुभ माना जाता है।


फ्रिज और पानी का स्थान (Kitchen Appliances Vastu)

  • फ्रिज और पानी की टंकी उत्तर या उत्तर-पश्चिम में रखना शुभ माना जाता है।

  • रसोई में पानी का नल उत्तर-पूर्व दिशा में होना चाहिए।

  • आग और पानी की चीजों (गैस और सिंक) को पास-पास रखने से बचना चाहिए।


रसोई में रंगों का महत्व

  • किचन में हल्का पीला, नारंगी और हरा रंग सकारात्मक ऊर्जा लाते हैं।

  • गहरे और काले रंगों का प्रयोग रसोई घर में न करें।

  • साफ-सफाई और हल्के रंगों से घर में सुख-समृद्धि बढ़ती है।


किचन वास्तु शास्त्र से मिलने वाले लाभ

  • परिवार के सदस्यों का स्वास्थ्य अच्छा रहता है।

  • घर में धन और समृद्धि का आगमन होता है।

  • परिवार में आपसी सामंजस्य और खुशहाली बढ़ती है।

  • नकारात्मक ऊर्जा कम होकर सकारात्मकता का वास होता है।


निष्कर्ष

अगर आप चाहते हैं कि आपके घर में समृद्धि, स्वास्थ्य और शांति बनी रहे, तो किचन वास्तु शास्त्र के बताए गए नियमों का पालन करना ज़रूरी है। सही दिशा, रंग और उपकरणों की उचित स्थिति रसोई को न केवल सुंदर बनाती है, बल्कि जीवन में सुख-समृद्धि भी लाती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top