जेफ्री सैक्स का बयान

जेफ्री सैक्स का बयान: डोनाल्ड ट्रंप के भारत पर 50% टैरिफ को बताया असंवैधानिक

मशहूर अर्थशास्त्री जेफ्री सैक्स ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत से होने वाले आयात पर 50% टैरिफ लगाने की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने चेतावनी दी कि चीन के खिलाफ अमेरिका के साथ खड़े होने से भारत को लंबे समय तक सुरक्षा लाभ नहीं मिलेगा

सैक्स ने हिंदुस्तान टाइम्स को दिए इंटरव्यू में कहा कि यह कदम न केवल आर्थिक रूप से नुकसानदायक है, बल्कि संविधान के खिलाफ भी है।


मुख्य बातें (Key Highlights)

  • अमेरिका ने भारतीय निर्यात पर 50% टैरिफ लगाया।

  • ट्रंप का दावा — यह कदम भारत के रूसी तेल आयात की वजह से उठाया गया।

  • जेफ्री सैक्स ने कहा — अमेरिकी नेता भारत की परवाह नहीं करते

  • भारत के विदेश मंत्रालय ने इस फैसले को “बेहद दुर्भाग्यपूर्ण” बताया।


“अमेरिकी नेता भारत की परवाह नहीं करते” — सैक्स

सैक्स ने कहा,

“अमेरिकी नेता भारत की बिल्कुल परवाह नहीं करते। भारत को क्वाड (Quad) में अमेरिका का साथ देकर कोई स्थायी सुरक्षा लाभ नहीं मिलेगा। भारत एक महान शक्ति है और उसकी अपनी स्वतंत्र पहचान है। ट्रंप द्वारा टैरिफ पर उठाए गए कदम असंवैधानिक हैं।”

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत को अमेरिका के साथ मजबूत व्यापारिक संबंध बनने की उम्मीद नहीं करनी चाहिए, भले ही भारत अमेरिकी सप्लाई चेन को चीन पर निर्भरता कम करने में मदद कर सकता है।


भारत-अमेरिका व्यापार पर असर

ट्रंप ने भारतीय निर्यात पर 50% टैरिफ की घोषणा करते हुए कहा कि यह कदम भारत के रूस से तेल खरीदने के चलते उठाया गया है। अमेरिका की टैरिफ लिस्ट में भारत और ब्राज़ील शीर्ष पर हैं।

यह फैसला ऐसे समय में आया है जब दोनों देशों के बीच व्यापार समझौते पर बातचीत अंतिम दौर में थी। ट्रंप के हालिया बयान, जिनमें उन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था को “मृत” और इसके टैरिफ नियमों को “आपत्तिजनक” बताया, ने रिश्तों को और तनावपूर्ण बना दिया है।

भारत के विदेश मंत्रालय ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अतिरिक्त टैरिफ लगाना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है, क्योंकि रूस के साथ व्यापार केवल भारत ही नहीं, कई देश कर रहे हैं।


निष्कर्ष

जेफ्री सैक्स की यह टिप्पणी भारत-अमेरिका संबंधों में बढ़ते तनाव के बीच आई है। जहां एक ओर ट्रंप प्रशासन भारत पर व्यापारिक दबाव बढ़ा रहा है, वहीं विशेषज्ञ मानते हैं कि भारत को स्वतंत्र विदेश नीति और विविध आर्थिक साझेदारियों पर जोर देना चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top