2024-25 में भारत में EV (इलेक्ट्रिक वाहन) की बिक्री पहली बार 20 लाख यूनिट्स पार कर गई, जो पिछले वर्ष (17.6 लाख यूनिट्स) की तुलना में 15.7% की YoY ग्रोथ दर्शाता है इस अवधि में EVs की कुल बाज़ार हिस्सेदारी 7.8% रही, जो बढ़ते ऑटोमोबाइल मार्केट का एक महत्वपूर्ण संकेत है
सेगमेंट वाइज डेटा:
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ई-2-व्हीलर्स (High-speed) ने कुल EV बिक्री का 59.4% हिस्सा लिया और 12.09 लाख यूनिट्स बिके
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ई-रिक्शा का बाजार हिस्सा था 23.3%, जबकि ई-3W और ई-4W का हिस्सा क्रमशः 6.6% और 5.7%
ये आंकड़े दिखाते हैं कि दो-पहिया और छोटा-सेवा वाहन (last-mile mobility) अभी भारत में EV अपनाने के प्रमुख चालकों में से हैं।
राज्यवार रुझान और बाजार विकास:
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उत्तर प्रदेश ने अग्रणी EV पंजीकरण में अपना दबदबा कायम रखा, जिसमें 400,000 से अधिक EVs शामिल हैं, और प्रमुख योगदानकर्ता रहे ई-रिक्शा (85%)
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इलेक्ट्रिक कार (EV-PV) की हिस्सेदारी भी तेजी से बढ़ रही है: मई 2025 में EVs ने कुल पेसेंजर कार बिक्री का 4.1% हिस्सा प्राप्त किया, जो मई 2024 के 2.6% से बढ़कर हुआ है
बाजार का आकार और भविष्य का अनुमान:
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भारत में EV मार्केट का अनुमानित आकार 2025 में $54.41 अरब है, जो 2029 तक $110.7 अरब तक दोगुना होने की संभावना है, यानी लगभग 19.4% CAGR
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दूसरी तरह, Grand View Research के अनुसार 2024 में भारत EV मार्केट का मूल्य था $8.49 अरब, जो 2025–30 तक 40.7% CAGR से बढ़ने की संभावना है
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जबकि MarkNtel Advisors का आकलन है कि 2024 का बाजार मूल्य $5.22 अरब था और 2025–30 में यह 28.5% CAGR से बढ़ते हुए $23.5 अरब तक पहुंचेग
प्रमुख ट्रेंड्स और रणनीतियाँ:
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Tata Motors 2024 में लगभग 62% EV मार्केट शेयर के साथ आगे था—हालांकि यह पिछले वर्ष के 73% से घटा है। कंपनी 2026 से बैटरी गिगाफैक्ट्री शुरू करने की तैयारी में है, जो इसकी प्रतिस्पर्धात्मक स्थिति को मजबूत बनाएगी
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एनर्जी इफिशिएंसी और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने में Delhi, Maharashtra और Chandigarh अव्वल राज्य निकल चुके हैं—जो NITI Aayog के India Electric Mobility Index में टॉप रैंक प्राप्त कर चुके हैं
निष्कर्ष:
2025 में भारत का EV मार्केट न सिर्फ तेज़ी से बढ़ रहा है, बल्कि तेजी से वरायटी में भी बदल रहा है—जहां दो-पहिया और ई-रिक्शा सेगमेंट अभी भी बाजार का नेतृत्व कर रहे हैं, वहीं चार-पहिया EVs की हिस्सेदारी भी तेजी से बढ़ रही है। सरकार की नीतियाँ, निवेश और इंफ्रास्ट्रक्चर तैयारियाँ इस वृद्धि को और गति दे रही हैं।