भोपाल: मध्य प्रदेश की राजनीति में हलचल मचाने वाले कांग्रेस विधायक और विधानसभा में उपनेता हेमंत कटारे की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गई हैं। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार की विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई करते हुए वर्ष 2018 में दर्ज दुष्कर्म के मामले की दोबारा जांच के आदेश दिए हैं।
🔍 मुख्य बातें (Highlights)
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सुप्रीम कोर्ट ने 2018 के दुष्कर्म मामले की फिर से जांच के निर्देश दिए।
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जांच डीआईजी भोपाल रेंज की निगरानी में होगी।
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हेमंत कटारे की गिरफ्तारी पर अभी रोक बरकरार रहेगी।
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कोर्ट ने कटारे को जांच में सहयोग करने का आदेश दिया है।
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राज्य सरकार को 4 सप्ताह के भीतर जवाब देना होगा।
📅 क्या है पूरा मामला?
यह मामला साल 2018 का है, जब भोपाल में पत्रकारिता की पढ़ाई कर रही एक छात्रा ने कांग्रेस नेता हेमंत कटारे के खिलाफ दुष्कर्म का गंभीर आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई थी। इसके जवाब में हेमंत कटारे ने इसे राजनीतिक साजिश बताते हुए खुद छात्रा के खिलाफ ब्लैकमेलिंग और फिरौती मांगने की शिकायत दर्ज करवाई थी।
⚖️ हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में कानूनी लड़ाई
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हाईकोर्ट ने हेमंत कटारे को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दी थी और जांच में सहयोग करने का आदेश दिया था।
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राज्य सरकार ने इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
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सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई करते हुए कहा कि:
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हेमंत कटारे जांच में पूरा सहयोग देंगे।
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उनकी गिरफ्तारी पर रोक बनी रहेगी।
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राज्य सरकार को चार सप्ताह में जवाब देना होगा।
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इस मामले में सरकार की ओर से अतिरिक्त सालिसिटर जनरल एसवी राजू ने पक्ष रखा।
📝 राजनीतिक पहलुओं की भी हो रही चर्चा
इस केस में नए सिरे से जांच कराने की मांग पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह ने की थी। उन्होंने इस संबंध में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को एक पत्र भी लिखा था।
कटारे का पक्ष जानने की कोशिश की गई, लेकिन समाचार लिखे जाने तक उनसे संपर्क नहीं हो सका।