पेरिस और फ्रांस के कई शहरों में राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की सरकार के खिलाफ भारी विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
“ब्लॉक एवरीथिंग” नामक आंदोलन के तहत प्रदर्शनकारियों ने बसों में आग लगाई, ट्रेनें रोकीं, सड़कें जाम कीं और जगह-जगह पुलिस से भिड़ंत हुई।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, पहले दिन ही 200 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
स्थिति को नियंत्रित करने के लिए देशभर में 80,000 से अधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है, लेकिन हिंसा लगातार बढ़ रही है।
फ्रांस में विरोध की शुरुआत कैसे हुई?
-
फ्रांस के पूर्व प्रधानमंत्री फ्रांस्वा बेयरू ने पेंशन फ्रीज, छुट्टियों की कटौती और कल्याणकारी योजनाओं में कटौती जैसे कड़े आर्थिक सुधार लागू किए थे।
-
सोमवार को बेयरू सरकार संसदीय विश्वास मत हार गई, जिसके बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया।
-
राष्ट्रपति मैक्रों ने तुरंत सेबेस्टियन लेकॉर्नू को नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया।
-
एक साल में चौथे प्रधानमंत्री की नियुक्ति से राजनीतिक अस्थिरता और बढ़ गई है।
ब्लॉक एवरीथिंग’ आंदोलन क्या है?
“ब्लॉक एवरीथिंग” आंदोलन (फ्रेंच में Bloquons Tout) की शुरुआत टिकटॉक, X (ट्विटर) और टेलीग्राम चैनल्स से हुई।
इसका उद्देश्य है:
-
सड़कों को ब्लॉक करना
-
बैंकों से पैसे निकालना
-
अमेज़न, कारफूर जैसी कंपनियों का बहिष्कार
-
देश की अर्थव्यवस्था को पूरी तरह से रोकना
फ्रांसीसी गृह मंत्री ब्रूनो रेटिलिओ ने प्रदर्शनकारियों पर “विद्रोह का माहौल” बनाने का आरोप लगाया है।
हालांकि आंदोलन का कोई केंद्रीय नेतृत्व नहीं है, जिसके कारण इसे रोकना मुश्किल हो गया है।
फ्रांस में क्यों भड़की इतनी बड़ी हिंसा?
कारण | प्रभाव |
---|---|
कठोर आर्थिक सुधार | पेंशन, छुट्टियां, और लाभों में कटौती |
राजनीतिक अस्थिरता | एक साल में चौथे प्रधानमंत्री की नियुक्ति |
आंदोलन की डिजिटल रणनीति | टिकटॉक, X, टेलीग्राम से समन्वय |
जनता की नाराज़गी | संपत्तियों में आगजनी, सड़क जाम, पुलिस से भिड़ंत |
यात्रा और ट्रांसपोर्ट पर असर
-
पेरिस के RER B लाइन पर ट्रेनें ठप रहीं।
-
कई फ्लाइट्स विलंबित या रद्द करनी पड़ीं।
-
एयरपोर्ट्स — नाइस, मार्सिले, अजयसियो — पर अलर्ट जारी।
-
यात्रियों को वैकल्पिक बस सेवाओं पर निर्भर रहना पड़ा।
मैक्रों पर बढ़ा दबाव
-
विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति मैक्रों पर जनता की नाराज़गी नजरअंदाज करने का आरोप लगाया।
-
वामपंथी नेता जीन-ल्यूक मेलेंशों ने कहा:
“अगर मैक्रों इस्तीफा नहीं देते, तो हालात और बिगड़ेंगे।”
-
दक्षिणपंथी नेता जॉर्डन बार्डेला ने तंज कसा:
“मैक्रों हारती हुई टीम के साथ खेलते जा रहे हैं।”
यूरोप में श्रमिक असंतोष की लहर
यह आंदोलन सिर्फ फ्रांस तक सीमित नहीं है।
-
लंदन के अंडरग्राउंड मेट्रो कर्मचारी भी हड़ताल पर।
-
नीदरलैंड्स में KLM स्टाफ ने काम छोड़ा।
-
महंगाई, बढ़ती लागत और सामाजिक असमानता ने पूरे यूरोप में श्रमिक असंतोष बढ़ा दिया है।
आगे क्या होगा?
-
18 सितंबर को एयर ट्रैफिक कंट्रोलर्स की 24 घंटे की हड़ताल तय।
-
यूनियनों ने सितंबर के अंत तक लगातार विरोध प्रदर्शन का एलान किया।
-
अगर हालात नहीं संभाले गए, तो फ्रांस की अर्थव्यवस्था पर बड़ा संकट आ सकता है।
फ्रांस प्रोटेस्ट्स पर सोशल मीडिया रिएक्शन
-
X (ट्विटर) पर #BlockEverything और #MacronResign ट्रेंड कर रहे हैं।
-
80% से ज्यादा यूजर्स ने सरकार विरोधी प्रदर्शन का समर्थन किया।
-
टिकटॉक और टेलीग्राम पर वीडियो, लाइवस्ट्रीम्स और अपडेट्स तेजी से वायरल हो रहे हैं।
फ्रांस प्रोटेस्ट्स पर 5 बड़े सवाल (FAQ सेक्शन)
Q1. फ्रांस में प्रदर्शन क्यों हो रहे हैं?
Ans. पेंशन फ्रीज, छुट्टियों की कटौती और बढ़ती महंगाई से जनता नाराज़ है।
Q2. “ब्लॉक एवरीथिंग” आंदोलन क्या है?
Ans. यह एक विकेंद्रीकृत आंदोलन है, जो सोशल मीडिया के जरिए बड़े पैमाने पर प्रदर्शन आयोजित कर रहा है।
Q3. अब तक कितने लोग गिरफ्तार हुए?
Ans. पहले दिन ही 200 से ज्यादा लोग गिरफ्तार हुए हैं।
Q4. यात्रा और ट्रांसपोर्ट पर क्या असर पड़ा?
Ans. ट्रेनें रोकी गईं, फ्लाइट्स में देरी हुई और एयरपोर्ट्स पर अलर्ट जारी।
Q5. क्या राष्ट्रपति मैक्रों इस्तीफा देंगे?
Ans. अभी इसकी संभावना नहीं है, लेकिन विपक्ष लगातार दबाव बना रहा है।