धर्मस्थल सामूहिक हत्या मामला

धर्मस्थल सामूहिक हत्या केस: क्यों पलटी महिला की गवाही? जानिए पूरा सच

धर्मस्थल सामूहिक हत्या मामला: SIT ने दर्ज शिकायत करने वाली महिला को किया गिरफ्तार

कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले के धर्मस्थल में कथित सामूहिक हत्या और गुप्त दफन मामले ने एक नया मोड़ ले लिया है। इस मामले में गठित विशेष जांच दल (SIT) ने उस महिला को गिरफ्तार कर लिया है, जिसने पहले हत्या, बलात्कार और दफन के आरोप लगाए थे।


शिकायत और फिर पलटी गवाही

जुलाई 2025 में सुजाता भट्ट नाम की महिला ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। उसने दावा किया कि उसकी बेटी अनन्या भट्ट साल 2003 में लापता हुई थी और इस घटना के पीछे धर्मस्थल मंदिर प्रशासन की भूमिका हो सकती है।

लेकिन बाद में उसने मीडिया से बातचीत में स्वीकार किया कि –

  • उसकी बेटी “अनन्या भट्ट” का कभी अस्तित्व ही नहीं था।

  • यह पूरी कहानी “झूठी और मनगढ़ंत” थी।

  • उसे यह कहानी गढ़ने के लिए कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने दबाव डाला था।


क्यों गढ़ी गई यह कहानी?

सुजाता भट्ट का कहना है कि यह विवाद संपत्ति विवाद से जुड़ा हुआ है। उसने आरोप लगाया कि –

  • उसके दादा की संपत्ति धर्मस्थल मंदिर ट्रस्ट के पास चली गई।

  • बिना उसकी सहमति और हस्ताक्षर के यह जमीन मंदिर को कैसे दे दी गई, इसी सवाल से पूरा विवाद शुरू हुआ।

  • उसने स्पष्ट किया कि किसी ने उससे पैसे नहीं मांगे और न ही उसने किसी से मांगे।


SIT की जांच और मंदिर प्रशासन का पक्ष

इस मामले की गंभीरता को देखते हुए कर्नाटक सरकार ने SIT का गठन किया। टीम ने कथित दफन स्थलों पर खुदाई भी करवाई ताकि यह देखा जा सके कि वास्तव में कोई मानव अवशेष मिले या नहीं।

वहीं, धर्मस्थल मन्जुनाथ स्वामी मंदिर के धर्माधिकारी वीरेंद्र हेगड़े ने आरोप लगाया कि –

  • पिछले 14 वर्षों से मंदिर और ट्रस्ट को बदनाम करने के लिए संगठित अभियान चलाया जा रहा है।

  • उनके अनुसार, “हमारे अच्छे कामों से चिढ़कर कुछ तत्व झूठा प्रचार करते हैं, लेकिन हमें कोई फर्क नहीं पड़ता।”


इस खबर से क्यों बढ़ी सनसनी?

  • मामला सीधे धर्मस्थल जैसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थल से जुड़ा है।

  • हत्या, दफन और बलात्कार जैसे गंभीर आरोपों ने पूरे कर्नाटक में हलचल मचा दी।

  • गवाही पलटने और गिरफ्तारी ने इसे और अधिक चर्चित बना दिया है।

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