भारत में उपराष्ट्रपति चुनाव के नतीजे सामने आ गए हैं। CP Radhakrishnan, जो महाराष्ट्र के राज्यपाल थे और Goundar-Kongu Vellalar समुदाय से आते हैं, 15वें उपराष्ट्रपति के रूप में चुने गए। उन्होंने विपक्षी उम्मीदवार B Sudershan Reddy को हराया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने CP Radhakrishnan के सर्वसम्मत चुनाव की अपील की थी। चुनाव परिणाम घोषित होते ही Radhakrishnan को विजेता घोषित कर दिया गया। उन्हें कुल 452 वोट मिले, जबकि Sudershan Reddy को 300 वोट ही प्राप्त हुए।
CP Radhakrishnan की राजनीतिक यात्रा और पृष्ठभूमि
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उम्र: 67 वर्ष
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मौजूदा पद: महाराष्ट्र राज्यपाल
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विशेष: वे तमिलनाडु से तीसरे नेता हैं जो भारत के दूसरे सर्वोच्च संवैधानिक पद को संभाल रहे हैं।
NDA ने उन्हें 17 अगस्त को उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बनाया था। उनका मुकाबला पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज Sudershan Reddy से था, जो दक्षिण भारत से आते हैं।
वोटिंग प्रक्रिया और परिणाम
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उपराष्ट्रपति चुनाव की वोटिंग सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक चली।
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चुनाव मंडल में लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य शामिल थे।
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कुल 781 सांसदों ने वोटिंग की, जिसमें विपक्ष के 315 सांसद मौजूद थे।
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Returning Officer PC Mody ने CP Radhakrishnan को विजेता घोषित किया और परिणाम चुनाव आयोग को भेजने की घोषणा की।
राजनीतिक महत्व और विपक्ष की भूमिका
Sudershan Reddy का मुकाबला सिर्फ हार जीत तक सीमित नहीं था। उनके संघर्ष ने विपक्ष की एकता को प्रदर्शित किया। यह चुनाव राजनीतिक समीकरणों को बदलने वाला नहीं था, लेकिन विपक्षी ताकतों के सहयोग और रणनीति को उजागर करता है।
FAQs (Frequently Asked Questions)
Q1: CP Radhakrishnan कौन हैं?
A1: CP Radhakrishnan महाराष्ट्र के राज्यपाल रह चुके हैं और Goundar-Kongu Vellalar समुदाय से आते हैं। अब वे भारत के 15वें उपराष्ट्रपति बन गए हैं।
Q2: उपराष्ट्रपति चुनाव में वोटिंग कैसे होती है?
A2: उपराष्ट्रपति का चुनाव राज्यसभा और लोकसभा के सभी सांसदों द्वारा किया जाता है।
Q3: Sudershan Reddy कौन हैं?
A3: Sudershan Reddy पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज हैं और विपक्ष के इंडिया ब्लॉक के उम्मीदवार रहे।
Q4: CP Radhakrishnan को कितने वोट मिले?
A4: उन्हें कुल 452 वोट मिले।
Q5: इस चुनाव का राजनीतिक महत्व क्या है?
A5: चुनाव ने विपक्ष की एकता और NDA की मजबूत स्थिति को प्रदर्शित किया।
निष्कर्ष
CP Radhakrishnan का उपराष्ट्रपति बनना न केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि यह भारतीय राजनीति में दक्षिण भारत की बढ़ती भूमिका को भी दर्शाता है। विपक्ष का संघर्ष भी इस चुनाव में महत्वपूर्ण था।
आपके विचार क्या हैं? नीचे कमेंट में बताएं कि इस चुनाव का भारत की राजनीति पर क्या असर होगा।