कांग्रेस ने 2019 लोकसभा चुनाव में मतदाता सूची में अनियमितताओं का गंभीर आरोप लगाया है। पार्टी ने दावा किया है कि कई सीटों पर विपक्षी दलों को कम अंतर से हार का सामना करना पड़ा, जो संदिग्ध है। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने इस मुद्दे पर व्यापक ऑडिट की घोषणा की है। उनका कहना है कि यह ऑडिट मतदाता सूची में गड़बड़ियों को उजागर करेगा।
केसी वेणुगोपाल का बयान
केरल के अलप्पुझा से सांसद केसी वेणुगोपाल ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, “2019 लोकसभा चुनाव की मतदाता सूची में अनियमितताएं थीं। हम इन गड़बड़ियों का पता लगाने के लिए एक व्यापक ऑडिट करेंगे।” उन्होंने बताया कि 48 निर्वाचन क्षेत्रों में विपक्षी दलों (वर्तमान में इंडिया गठबंधन का हिस्सा) के उम्मीदवार 50,000 से कम वोटों के अंतर से हारे। इन सीटों पर गहन जांच की जाएगी।
मतदाता सूची में धांधली का दावा
वेणुगोपाल ने यह भी आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जनादेश “वास्तविक नहीं” था। उन्होंने कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के हालिया प्रेस कॉन्फ्रेंस का हवाला दिया, जिसमें राहुल ने चुनावी धांधली के सबूत पेश किए थे। वेणुगोपाल ने कहा, “यदि इस मामले की गहन जांच हो, तो शायद मोदी को इस्तीफा देना पड़े।”
राहुल गांधी के आरोप और चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया
राहुल गांधी ने गुरुवार को एक वीडियो जारी कर दावा किया कि 2019 के चुनाव में बीजेपी और चुनाव आयोग के बीच “सांठगांठ” से “बड़ा आपराधिक धोखा” हुआ। उन्होंने कर्नाटक की एक विधानसभा सीट के विश्लेषण का हवाला दिया। हालांकि, चुनाव आयोग ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया और राहुल से औपचारिक शपथ लेकर जांच शुरू करने की मांग की।
राहुल गांधी, जो उत्तर प्रदेश के रायबरेली से सांसद हैं, ने शपथ लेने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि वह पहले ही भारत के संविधान की शपथ ले चुके हैं। वेणुगोपाल ने भी आयोग पर निशाना साधते हुए कहा, “चुनाव आयोग को हमें डराने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।”
ऑडिट का उद्देश्य और अपेक्षाएं
कांग्रेस का कहना है कि यह ऑडिट न केवल अनियमितताओं को उजागर करेगा, बल्कि भविष्य में पारदर्शी और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने में भी मदद करेगा। पार्टी का मानना है कि मतदाता सूची में गड़बड़ियों ने 2019 के चुनाव परिणामों को प्रभावित किया।
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ऑडिट का दायरा: 48 सीटों पर गहन जांच, जहां विपक्ष को कम अंतर से हार मिली।
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उद्देश्य: मतदाता सूची में संदिग्ध बदलावों का पता लगाना।
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प्रभाव: जांच के परिणामों से चुनावी प्रक्रिया पर सवाल उठ सकते हैं।
निष्कर्ष
कांग्रेस द्वारा 2019 लोकसभा चुनाव में अनियमितताओं का आरोप और ऑडिट की घोषणा एक महत्वपूर्ण कदम है। यह कदम न केवल चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठाता है, बल्कि भविष्य में निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने की दिशा में भी एक प्रयास है। क्या यह ऑडिट वाकई में कोई बड़ा खुलासा करेगा? यह देखना दिलचस्प होगा।