भागलपुर के नवगछिया क्षेत्र के इस्माईलपुर-बिंद टोली इलाके में गंगा नदी की तेज बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है। गंगा तटबंध के स्पर संख्या आठ और नौ के बीच करीब 300-350 मीटर का बड़ा हिस्सा तेज धार में समा गया है। जल संसाधन विभाग द्वारा करीब 22 करोड़ रुपये की लागत से कराए गए बोल्डर क्रेटिंग कार्य ध्वस्त हो जाने से कटाव की गति इतनी बढ़ गई कि दो दर्जन से ज्यादा घर पानी में बह गए। इस घटना के बाद स्थानीय लोग अपनी जान बचाने के लिए भागने को मजबूर हुए, जबकि उनका कीमती सामान भी बाढ़ में डूब गया।
घटना का विस्तृत विवरण
सोमवार दोपहर लगभग 1 बजे जल संसाधन विभाग के दो ठेकेदारों द्वारा सुरक्षा तटबंध पर किया गया बोल्डर क्रेटिंग कार्य कटाव के कारण टूट गया। इसके चलते बिंद टोली गांव के घर सीधे गंगा की तेज धार में समा गए। कटाव का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है और स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।
कटाव की सूचना मिलने के बाद अनुमंडल पदाधिकारी, एसडीपीओ, सीओ, और गोपालपुर थानाध्यक्ष तुरंत घटनास्थल पर पहुंच गए। उन्होंने राहत एवं बचाव कार्य तेज कर दिया। जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता ई. अनवर जमील और विशेषज्ञ ई. गोपाल चंद्र झा भी मौके पर पहुंचकर तटबंध को बचाने के लिए बालू से भरी बोरियां डालने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि, बाढ़ पीड़ितों के मवेशी, सामान और जनसंख्या की भारी भीड़ के कारण राहत कार्य में बाधा आ रही है।
शाम को तटबंध का और हिस्सा ढहा
शाम को स्पर संख्या नौ के पास तटबंध का लगभग आधा हिस्सा दरार के साथ गंगा में समा गया। 300 से 350 मीटर तक तटबंध बह गया, जिससे इलाके में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। जल संसाधन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, अनुमंडल पदाधिकारी और एसडीआरएफ की टीम राहत कार्य में जुटी हुई है। पीड़ितों के लिए तिनटंगा करारी विद्यालय में सामुदायिक किचन के माध्यम से भोजन की व्यवस्था की गई है।
एनडीआरएफ की टीम ने 25-30 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला है। इलाके के हालात को देखते हुए प्रशासन ने तुरंत राहत और बचाव कार्य तेज करने के निर्देश दिए हैं।
सड़क ध्वस्त, पानी का दबाव बढ़ा
गोपालपुर थाना क्षेत्र के सैदपुर दुर्गा मंदिर के पास नवनिर्मित सड़क और पुलिया भी बाढ़ के पानी की तेज गति से ध्वस्त हो गए हैं। इस वजह से मंदिर की सीढ़ियों और निर्माणाधीन शिव मंदिर के पास पानी का दबाव काफी बढ़ गया। स्थानीय ग्रामीणों ने पेड़ डालकर जलधारा को कम करने का प्रयास किया। दुर्गा मंदिर का निर्माण पांच करोड़ रुपये से अधिक की लागत से किया गया था, जो इस आपदा से प्रभावित हुआ है।
प्रशासनिक प्रतिक्रिया और तटबंध की स्थिति
भागलपुर के उपविकास आयुक्त ने बिंद टोली तटबंध का निरीक्षण किया और तटबंध पर रोशनी सहित अन्य जरूरी व्यवस्थाएं जल्द करने का निर्देश दिया। क्षेत्र में भारी भीड़ और अफरा-तफरी के कारण स्थिति और गंभीर हो गई है।
बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल कार्यालय नवगछिया की रिपोर्ट के अनुसार, गंगा नदी का जलस्तर पिछले 24 घंटों से स्थिर है। सोमवार शाम को जलस्तर 33.46 मीटर दर्ज किया गया, जबकि उच्चतम जलस्तर 33.50 मीटर है।
स्थानीय लोग और राहत कार्य
कटाव के कारण बिंद टोली गांव में लोग अपने घरों और जरूरी सामान को बचाने में जुटे रहे। गंगा ने जल मीनार, आंगनबाड़ी भवन समेत कई मकान बहा लिए। कई लोगों को चौकी खाना छोड़कर भागना पड़ा। स्थानीय प्रशासन ने जल संसाधन विभाग को कटाव रोधी कार्य शुरू करने का आदेश दिया, लेकिन भीड़ के कारण राहत कार्य प्रभावित हो रहा है।
एनडीआरएफ की टीम ने अनुमंडल पदाधिकारी के निर्देश पर लगभग 30 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया है। स्थानीय जनप्रतिनिधि भी मौके पर पहुंचकर स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं। अगर तटबंध पूरी तरह टूट गया तो गोपालपुर रंगरा प्रखंड के कई गांव बाढ़ की चपेट में आ सकते हैं।
निष्कर्ष
भागलपुर के इस्माईलपुर-बिंद टोली क्षेत्र में गंगा की बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है। प्रशासन एवं राहत एजेंसियां लगातार कार्यरत हैं, लेकिन तेज कटाव और भीड़ ने बचाव कार्य को चुनौतीपूर्ण बना दिया है। ऐसे में स्थानीय लोगों की सुरक्षा सर्वोपरि है। आपको भी ऐसी स्थिति में सावधानी बरतनी चाहिए और आधिकारिक निर्देशों का पालन करना चाहिए।