मध्य प्रदेश के भिंड जिले में किसानों को डीएपी खाद नहीं मिलने के कारण भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। सोमवार को भारौली बाईपास पर किसानों ने खाद की उपलब्धता की मांग को लेकर चक्का जाम किया। प्रशासन के अनुसार पर्याप्त खाद मौजूद है, लेकिन किसानों ने तत्काल वितरण की मांग की।
भिंड एसडीएम अखिलेश शर्मा मौके पर पहुंचे और किसानों से बातचीत की। उन्होंने साफ कहा, “खाद है ही नहीं तो बांटे कहां से।” यह प्रतिक्रिया सुनकर किसानों का गुस्सा और बढ़ गया।
चक्का जाम का घटनाक्रम
किसानों ने डीएपी खाद न मिलने पर भारी विरोध दर्ज कराया। घंटों तक नारेबाजी चलती रही, जिसमें ‘भिंड कलेक्टर मुर्दाबाद’ और ‘भिंड कलेक्टर चोर है’ जैसे नारे शामिल थे।
भिंड विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाहा भी मौके पर पहुंचे और किसानों को समझाइश देकर चक्का जाम को खत्म करवाया। प्रशासन ने बताया कि जिले के चार गोदामों में सीमित मात्रा में डीएपी खाद उपलब्ध है, जो पहले से टोकन वाले किसानों को दिया जा रहा है।
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किसानों की मांग और प्रशासन की प्रतिक्रिया
किसानों का कहना था कि उन्हें समय पर डीएपी खाद नहीं मिल रहा है और अगले महीने का टोकन दिया जा रहा है। वहीं, एसडीएम ने कहा कि खाद पर्याप्त मात्रा में मौजूद है और वितरण केंद्रों पर अब छह काउंटर चालू कर दिए गए हैं।
तीन-चार दिनों में सभी किसानों को खाद वितरण सुनिश्चित किया जाएगा। इसके बावजूद, किसानों ने अपनी जिद जारी रखी।
निष्कर्ष
भिंड खाद संकट ने स्थानीय किसानों और प्रशासन के बीच तनाव बढ़ा दिया। हालांकि विधायक और एसडीएम की समझाइश के बाद स्थिति पर काबू पाया गया। प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि आगामी दिनों में सभी किसानों को खाद मिलेगा।
FAQs
Q1: भिंड खाद संकट क्यों उत्पन्न हुआ?
A1: डीएपी खाद की सीमित उपलब्धता और वितरण में देरी के कारण किसानों को परेशानी हुई।
Q2: SDM ने किसानों को क्या समझाया?
A2: SDM अखिलेश शर्मा ने कहा कि “खाद है ही नहीं तो बांटे कहां से।” यह प्रतिक्रिया किसानों को सीधे दी गई थी।
Q3: चक्का जाम कितने समय तक चला?
A3: किसानों ने लगभग चार घंटे तक चक्का जाम किया, जिसके बाद विधायक ने हस्तक्षेप कर इसे समाप्त करवाया।