बाबा हरभजन सिंह

Baba Harbhajan Singh: नाथूला दर्रे पर आज भी सैनिकों की रक्षा करते हैं ‘अमर जवान’ बाबा!

भारत की धरती पर त्याग, बलिदान और रहस्यमयी कथाओं की कभी कमी नहीं रही। इन्हीं कहानियों में से एक है शहीद सैनिक बाबा हरभजन सिंह की, जिन्हें भारतीय सेना और आम लोग आज भी श्रद्धा से याद करते हैं।

कौन थे बाबा हरभजन सिंह?

  • हरभजन सिंह, भारतीय सेना की 23वीं पंजाब रेजिमेंट के जवान थे।

  • उनका जन्म पंजाब के गुंजरावाल गांव में हुआ था।

  • 11 सितंबर 1968 को नाथूला दर्रे (सिक्किम-चीन बॉर्डर) पर गश्त के दौरान रहस्यमय परिस्थितियों में उनकी शहादत हुई।

  • आज उनकी 57वीं पुण्यतिथि है, लेकिन मान्यता है कि उनकी आत्मा आज भी उसी पोस्ट पर ड्यूटी कर रही है।

सैनिक क्यों मानते हैं बाबा को जिंदा?

कहा जाता है कि शहादत के बाद भी साथी सैनिकों ने उनकी मौजूदगी महसूस की।

  • कई बार जवानों ने बताया कि कठिन रास्तों में मानो कोई अदृश्य शक्ति उनका मार्गदर्शन करती है।

  • उनकी आत्मा सैनिकों को खतरे से पहले चेतावनी देती है।

  • X (ट्विटर) पर 2025 में ट्रेंड हुआ था – #BabaHarbhajanSingh – जहां हजारों यूजर्स ने बाबा को “अमर जवान” कहा।

सरकार और सेना का नजरिया

सिर्फ सैनिक ही नहीं, बल्कि सिक्किम सरकार भी इस किंवदंती को मानती है।

  • पर्यटन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर बाबा हरभजन सिंह का जिक्र मौजूद है।

  • कहा जाता है कि उन्होंने साथियों के सपनों में आकर अपने अंतिम संस्कार और समाधि बनाने की इच्छा जताई थी।

  • इसी आधार पर उनकी समाधि बनाई गई, जो धीरे-धीरे एक तीर्थ स्थल में बदल गई।

बाबा का मंदिर और स्मारक

  • गंगटोक से करीब 60 किमी दूर चांगू झील (त्सोम्गो लेक) के पास बाबा का भव्य स्मारक है।

  • 1983 में इसका उद्घाटन हुआ था।

  • यहां बाबा की कांस्य प्रतिमा, वर्दी और एक खाली बिस्तर रखा गया है।

  • श्रद्धालु यहां पानी की बोतल चढ़ाते हैं, जिसे कुछ दिनों बाद आशीर्वाद स्वरूप वापस दिया जाता है।

क्या आज भी बाबा मौजूद हैं?

  • मंदिर में बाबा के लिए एक कमरा रोज साफ किया जाता है।

  • उनकी वर्दी और जूते रखे जाते हैं।

  • मान्यता है कि सफाई के बाद भी जूते गीले या मिट्टी से भरे मिलते हैं और बिस्तर पर सिलवटें दिखाई देती हैं।

  • यही सबूत हैं कि बाबा आज भी सरहद पर मौजूद हैं।


❓ FAQs

Q1. बाबा हरभजन सिंह कौन थे?
👉 भारतीय सेना की 23वीं पंजाब रेजिमेंट के जवान, जिन्होंने 1968 में नाथूला दर्रे पर शहादत दी।

Q2. बाबा हरभजन सिंह का मंदिर कहां है?
👉 सिक्किम की राजधानी गंगटोक से लगभग 60 किमी दूर चांगू झील के पास।

Q3. क्यों कहते हैं कि बाबा आज भी ड्यूटी पर हैं?
👉 सैनिकों और स्थानीय लोगों का मानना है कि उनकी आत्मा अब भी बॉर्डर पर सैनिकों की रक्षा करती है।

Q4. मंदिर में पानी की बोतल क्यों चढ़ाई जाती है?
👉 श्रद्धालु बोतल चढ़ाते हैं और कुछ दिनों बाद आशीर्वाद स्वरूप वही पानी वापस ले जाते हैं।

Q5. क्या सरकार भी बाबा हरभजन सिंह की किंवदंती मानती है?
👉 हां, सिक्किम पर्यटन विभाग की वेबसाइट पर इसका आधिकारिक उल्लेख है।

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