🎬 परिचय: अनुराग कश्यप और ‘निशानची’
फिल्ममेकर अनुराग कश्यप हमेशा से हिंदी सिनेमा में प्रयोगधर्मी कामों के लिए जाने जाते हैं। गैंग्स ऑफ वासेपुर (2012) जैसी कल्ट फिल्म ने उन्हें न सिर्फ पहचान दी बल्कि भारतीय क्राइम-ड्रामा की परिभाषा भी बदल दी। लेकिन अब कश्यप अपनी नई फिल्म ‘निशानची’ को लेकर चर्चा में हैं। उनका कहना है कि यह फिल्म उन्होंने वासेपुर की छवि को “undo” करने के लिए बनाई है।
📝 क्यों कहा कश्यप ने कि ‘निशानची’ वासेपुर का उलट है?
एक इंटरव्यू में अनुराग कश्यप ने साफ कहा—
“गैंग्स ऑफ वासेपुर के बाद लोग मानने लगे कि गालियां मैंने ही ईजाद की हैं। मैं उस छवि को तोड़ना चाहता था। लोग मुझसे लगातार वासेपुर 3 की डिमांड करते रहे, लेकिन निशानची उसी सोच का तोड़ है।”
कश्यप का मानना है कि दोनों फिल्मों की दुनिया उतनी ही अलग है जितना वासेपुर और कानपुर—करीब 800 किमी दूर।
⏳ 10 साल की लंबी जद्दोजहद
कश्यप ने यह भी खुलासा किया कि निशानची फिल्म को पूरा होने में करीब एक दशक लग गया।
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उन्होंने लगभग हर बड़े स्टूडियो और अभिनेता से मुलाकात की।
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सब उत्साहित थे, लेकिन कभी डेट्स तो कभी शर्तों की वजह से प्रोजेक्ट अटकता रहा।
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कश्यप अपनी स्क्रिप्ट से एक भी चीज़ बदलना नहीं चाहते थे।
आखिरकार, मेलबर्न की एक लंबी फ्लाइट में उनकी मुलाकात Amazon के एक एग्जिक्यूटिव से हुई और वहीं प्रोजेक्ट को ग्रीन सिग्नल मिल गया।
🎞️ किस दौर का सिनेमाई प्रभाव है ‘निशानची’?
कश्यप ने कहा कि निशानची उनके लिए उन फिल्मों को सलाम है जिन्हें देखकर वे बड़े हुए—
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दिलीप कुमार की क्लासिक फिल्में
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अमिताभ बच्चन का एंग्री यंग मैन दौर
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मदर इंडिया, मुगल-ए-आजम, नया दौर
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बिमल रॉय की कालजयी फिल्में
यानी यह फिल्म सिर्फ एक क्राइम-ड्रामा नहीं, बल्कि पुराने हिंदी सिनेमा की खुशबू से भरी हुई है।
⭐ नई प्रतिभा की एंट्री: ऐश्वर्य ठाकरे
इस फिल्म से ऐश्वर्य ठाकरे (राजनीति परिवार से जुड़ा नाम) बड़े पर्दे पर डेब्यू कर रहे हैं। अनुराग कश्यप ने उनकी जमकर तारीफ की—
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उन्हें “phenomenal talent” कहा।
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बताया कि वे केवल अभिनेता ही नहीं, बल्कि संगीतकार, गीतकार और गायक भी हैं।
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इतना ही नहीं, कश्यप का कहना है कि अगर वे खुद न बताएं तो दर्शक उन्हें कानपुर का साधारण लड़का समझ बैठेंगे।
साथ ही वेदिका पिंटो भी अहम भूमिका में दिखाई देंगी।
📅 रिलीज़ डेट और उम्मीदें
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निशानची इस शुक्रवार सिनेमाघरों में रिलीज हो रही है।
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यह फिल्म न सिर्फ अनुराग कश्यप के करियर का नया अध्याय होगी, बल्कि हिंदी सिनेमा के लिए भी एक अलग प्रयोग साबित हो सकती है।
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ट्रेड एनालिस्ट्स के मुताबिक, कश्यप की ब्रांड वैल्यू और नए कलाकारों की मौजूदगी फिल्म को युवाओं में अच्छी ओपनिंग दिला सकती है।
🔑 निष्कर्ष और पाठकों के लिए takeaway
निशानची फिल्म को लेकर अनुराग कश्यप ने जो दृष्टिकोण सामने रखा है, वह साफ दिखाता है कि वे खुद को दोहराने से बचना चाहते हैं। यह फिल्म गैंग्स ऑफ वासेपुर जैसी डार्क और गाली-प्रधान दुनिया से बिल्कुल अलग है और पुराने हिंदी सिनेमा के जज़्बातों को फिर से जीवंत करती है।
👉 अगर आप क्राइम-ड्रामा के साथ क्लासिक बॉलीवुड फ्लेवर भी देखना चाहते हैं, तो निशानची आपके लिए मिस न करने वाली फिल्म हो सकती है।