बेंगलुरु का HAL एयरपोर्ट, जिसे औपचारिक रूप से हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड एयरपोर्ट कहा जाता है, साल 2008 में व्यावसायिक उड़ानों के लिए बंद कर दिया गया था। उस समय यह फैसला नए केम्पेगौड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (KIA) के विकास को ध्यान में रखकर लिया गया था। लेकिन अब 25 साल बाद यह एयरपोर्ट एक बार फिर से यात्रियों के लिए खुलने की संभावना जता रहा है।
एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI), नागरिक उड्डयन मंत्रालय, HAL और बेंगलुरु इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (BIAL) इस प्रोजेक्ट को लेकर उन्नत स्तर की बातचीत कर रहे हैं। इस कदम से शहर की हवाई यात्रा और कनेक्टिविटी में बड़ा बदलाव आ सकता है।
🏛️ राज्य सरकार का मजबूत समर्थन
कर्नाटक सरकार ने इस प्रोजेक्ट को गति देने के लिए BIAL से No Objection Certificate (NOC) की मांग की है। साथ ही, सरकार ने यह भी आश्वासन दिया है कि अगर किसी वित्तीय नुकसान का सामना करना पड़े तो उसकी भरपाई राज्य करेगा। यह राजनीतिक और आर्थिक समर्थन इस प्रोजेक्ट को व्यवहारिक रूप से संभव बनाता है।
राजनीतिक इच्छाशक्ति और वित्तीय सहयोग से HAL एयरपोर्ट का पुनः संचालन पहले की तुलना में कहीं अधिक तेजी से हो सकता है।
🏗️ AAI की आधुनिक मास्टर प्लानिंग
AAI ने अगले 10 सालों के लिए एक मास्टर प्लान तैयार किया है। इसके अनुसार, 2030 तक मौजूदा टर्मिनल को तोड़कर एक अत्याधुनिक नया टर्मिनल बनाया जाएगा।
इस नई संरचना में शामिल होंगे:
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सात मंज़िला पार्किंग भवन
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आधुनिक वाणिज्यिक कॉम्प्लेक्स
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यात्रियों के लिए बेहतर सुविधाएँ
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सड़क और परिवहन नेटवर्क का विस्तार
इससे HAL एयरपोर्ट केवल हवाई यातायात का केंद्र नहीं रहेगा, बल्कि इसे शहर का मल्टी-यूटिलिटी हब भी बनाया जा सकेगा।
👥 राजनीतिक और जनसमर्थन
बेंगलुरु दक्षिण से सांसद तेजस्वी सूर्या ने बताया कि केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू इस प्रोजेक्ट को लेकर बेहद उत्साहित हैं और कई बार उच्चस्तरीय बैठकें भी कर चुके हैं।
वहीं, बेंगलुरु सेंट्रल के सांसद पी.सी. मोहन ने भी इस पहल का स्वागत किया है। हालांकि उन्होंने यह चिंता भी जताई है कि HAL और KIA के बीच कनेक्टिविटी सुनिश्चित करना बेहद ज़रूरी है, ताकि यात्री भ्रम की स्थिति से बच सकें।
⚖️ संचालन को लेकर सवाल
हालांकि HAL एयरपोर्ट का पुनः संचालन अब लगभग तय है, लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि इसे चलाएगा कौन?
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कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, ऑपरेशनल राइट्स की नीलामी हो सकती है।
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कई निजी कंपनियाँ इसमें बोली लगा सकती हैं।
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अभी यह स्पष्ट नहीं है कि BIAL खुद इस बोली में भाग लेगा या नहीं।
यह निर्णय आने वाले महीनों में एयरपोर्ट के भविष्य की दिशा तय करेगा।
🌍 क्यों ज़रूरी है HAL एयरपोर्ट की वापसी?
बेंगलुरु का केम्पेगौड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (KIA) तेजी से यात्रियों की संख्या बढ़ने के कारण भीड़भाड़ और लंबी प्रतीक्षा का सामना कर रहा है।
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KIA शहर से लगभग 35 किलोमीटर दूर है, जिससे यात्रियों को सफर में ज्यादा समय लगता है।
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वहीं, HAL एयरपोर्ट शहर के केंद्र के पास स्थित है, जिससे यात्रा समय में भारी कटौती होगी।
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HAL एयरपोर्ट का पुनः संचालन KIA पर दबाव कम करेगा और यात्रियों को बेहतर अनुभव मिलेगा।
यह न केवल यात्रियों के लिए सुविधाजनक होगा, बल्कि बेंगलुरु की बिजनेस कम्युनिटी और स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए भी बड़ी राहत साबित होगा।
📈 आर्थिक और सामाजिक लाभ
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बिजनेस हब्स के नज़दीक होने से कॉर्पोरेट यात्रियों का समय बचेगा।
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एयरपोर्ट के पुनः संचालन से नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
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इससे शहर का पर्यटन और निवेश माहौल और बेहतर होगा।
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लंबे समय में यह एयरपोर्ट बेंगलुरु को दक्षिण भारत का एविएशन हब बनाने में मदद करेगा।
✅ निष्कर्ष
बेंगलुरु HAL एयरपोर्ट का दोबारा शुरू होना केवल यात्रियों के लिए नहीं, बल्कि पूरे शहर की अर्थव्यवस्था और विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगा। यह न केवल KIA पर दबाव कम करेगा, बल्कि बेंगलुरु की वैश्विक पहचान को और मजबूत करेगा। आने वाले वर्षों में यह प्रोजेक्ट देश की हवाई यात्रा व्यवस्था में ऐतिहासिक बदलाव ला सकता है।
❓ FAQs (फ़ोकस कीवर्ड सहित)
Q1. बेंगलुरु HAL एयरपोर्ट कब दोबारा शुरू हो सकता है?
👉 विशेषज्ञों का मानना है कि यह एयरपोर्ट 2033 से पहले ही संचालन में आ सकता है।
Q2. HAL एयरपोर्ट का यात्रियों को क्या फायदा होगा?
👉 यह एयरपोर्ट शहर के बीचोंबीच है, जिससे यात्रा समय घटेगा और KIA पर दबाव भी कम होगा।
Q3. बेंगलुरु HAL एयरपोर्ट का संचालन कौन करेगा?
👉 अभी तय नहीं है, लेकिन रिपोर्ट्स के अनुसार ऑपरेशनल राइट्स नीलामी के ज़रिए किसी कंपनी को दिए जा सकते हैं।
Q4. क्या HAL एयरपोर्ट का पुनः संचालन बेंगलुरु की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा?
👉 हाँ, इससे रोजगार, बिजनेस ट्रैवल और पर्यटन सभी को बढ़ावा मिलेगा।