दुनिया की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी Amazon ने अपने कर्मचारियों के लिए एक नया फोन मॉनिटरिंग नियम लागू किया है। इसके तहत कर्मचारियों को बताना होगा कि कंपनी द्वारा दिए गए फोन का कितना प्रतिशत उपयोग ऑफिस के काम के लिए और कितना पर्सनल इस्तेमाल के लिए हो रहा है।
कंपनी का कहना है कि यह कदम खर्चों को नियंत्रित करने और जिम्मेदारी बढ़ाने के लिए उठाया गया है। लेकिन कर्मचारियों के बीच यह नियम तनाव और नाराज़गी का कारण बन गया है।
Amazon का नया ऑफिस फोन नियम क्या है?
Business Insider की रिपोर्ट के अनुसार, Amazon ने AWS (Amazon Web Services) कर्मचारियों से कहा है कि वे अपने फोन के काम और निजी इस्तेमाल का प्रतिशत अलग-अलग बताएं।
-
अगर 70% उपयोग ऑफिस वर्क के लिए है → 70% रिइम्बर्समेंट मिलेगी
-
अगर 30% निजी इस्तेमाल है → उस हिसाब से रिइम्बर्समेंट कम होगी
इस तरह से कंपनी कर्मचारियों की व्यक्तिगत और पेशेवर गतिविधियों पर निगरानी करेगी और खर्चों में कटौती करेगी।
क्यों लागू किया गया यह नियम?
CEO एंडी जैसी (Andy Jassy) के नेतृत्व में, Amazon ने कंपनी की खर्चीली आदतों को कम करने और मितव्ययिता बढ़ाने का लक्ष्य रखा है।
कंपनी के शीर्ष अधिकारी कर्मचारियों से कहते हैं:
“कंपनी के पैसे का इस्तेमाल ऐसे करें जैसे ये आपका खुद का पैसा हो।”
इसलिए फोन रिइम्बर्समेंट, यात्रा भत्ते और डेली खर्च अब सख्ती से मॉनिटर किए जा रहे हैं।
कर्मचारियों की प्रतिक्रिया: नाराज़गी और चिंता
कर्मचारियों ने इस नए नियम को लेकर काफी नाराज़गी जताई है।
-
कई कर्मचारियों का कहना है कि यह अत्यधिक माइक्रोमैनेजमेंट है।
-
वे मानते हैं कि कंपनी-प्रदान फोन अब सिर्फ एक सुविधा नहीं बल्कि निगरानी का साधन बन गया है।
-
कर्मचारियों में तनाव और असुरक्षा की भावना बढ़ रही है।
एक AWS इंजीनियर ने कहा:
“ऐसा लगता है जैसे Amazon अब हम पर भरोसा नहीं करता। हर कॉल और हर मिनट ट्रैक किया जा रहा है।”
Big Tech में बढ़ती निगरानी का ट्रेंड
Amazon अकेली कंपनी नहीं है। Meta, Google, और Microsoft जैसी बड़ी कंपनियां भी कर्मचारियों के खर्चों और परफॉर्मेंस पर सख्ती कर रही हैं।
लेकिन Amazon का फोन यूज़-बेस्ड रिइम्बर्समेंट सिस्टम अब तक की सबसे कठोर और विवादास्पद नीति मानी जा रही है।
Amazon का आधिकारिक बयान
कंपनी के प्रवक्ता ने कहा:
“फ्रुगैलिटी (मितव्ययिता) हमेशा से Amazon का मूल सिद्धांत रही है। नई पॉलिसियाँ हमें अपनी तेज-तर्रार, परफॉर्मेंस-ड्रिवन संस्कृति की ओर लौटाने में मदद करेंगी।”
यानी कंपनी इसे कास्ट-कटिंग और दक्षता बढ़ाने का जरिया मान रही है।
कर्मचारियों के लिए इसका असर
-
अधिक जवाबदेही – अब कर्मचारियों को हर फोन कॉल और मैसेज का हिसाब देना होगा।
-
रिइम्बर्समेंट में कमी – निजी कॉल्स ज्यादा होंगी तो मंथली रिइम्बर्समेंट कम हो जाएगी।
-
तनाव और दबाव में वृद्धि – कर्मचारियों को अब अधिक निगरानी और सख्ती का सामना करना पड़ेगा।
निष्कर्ष
Amazon का यह नया फोन मॉनिटरिंग नियम कंपनी की वर्क कल्चर में बड़े बदलाव का संकेत देता है।
जहाँ प्रबंधन इसे खर्च नियंत्रण और जिम्मेदारी बढ़ाने का कदम मान रहा है, वहीं कर्मचारियों में नाराज़गी, तनाव और अविश्वास बढ़ रहा है।
आने वाले समय में यह नीति न केवल Amazon के वर्क कल्चर को प्रभावित करेगी, बल्कि Big Tech में निगरानी और सख्ती के ट्रेंड को भी बढ़ावा दे सकती है।