राजस्थान पब्लिक सर्विस कमीशन (RPSC) की सब-इंस्पेक्टर भर्ती में गड़बड़ियों का मामला अब और गंभीर हो गया है।
मशहूर कवि कुमार विश्वास की पत्नी और RPSC की सदस्य मंजू शर्मा ने 2 सितंबर 2025 को अपने पद से नैतिक आधार पर इस्तीफा दे दिया।
यह इस्तीफा तब आया जब राजस्थान हाईकोर्ट ने SI भर्ती प्रक्रिया में हुई अनियमितताओं पर कड़ी फटकार लगाई और भर्ती को पूरी तरह रद्द कर दिया।
🔹 राजस्थान SI भर्ती घोटाले की पूरी कहानी
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28 अगस्त 2025 को राजस्थान हाईकोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाते हुए RPSC की SI भर्ती रद्द कर दी।
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अदालत ने अपने आदेश में कहा कि भर्ती प्रक्रिया की शुचिता से समझौता हुआ है।
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पेपर लीक, इंटरव्यू में हेरफेर और पक्षपात जैसे गंभीर आरोप आयोग पर लगे।
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कोर्ट ने आदेश में स्पष्ट किया कि कई RPSC सदस्यों को इस कदाचार की सीधी जानकारी थी।
🔹 हाईकोर्ट की कड़ी टिप्पणियां
राजस्थान हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा:
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“आयोग के कुछ सदस्य परीक्षा की पारदर्शिता और शुचिता को बनाए रखने में असफल रहे।”
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पेपर लीक और इंटरव्यू में हेरफेर के मामलों में आयोग के कई सदस्यों की सक्रिय भूमिका थी।
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आरोप है कि बाबूलाल कटारा, रामूराम रायका, संगीता आर्य, जसवंत राठी, मंजू शर्मा और अध्यक्ष संजय श्रोतिया पर कदाचार की जानकारी छुपाने का आरोप है।
🔹 मंजू शर्मा का पक्ष — इस्तीफे में क्या लिखा?
मंजू शर्मा ने राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े को लिखे गए अपने इस्तीफे में कहा:
“मैंने अपना पूरा पेशेवर और निजी जीवन पूरी पारदर्शिता और ईमानदारी के साथ बिताया है।
लेकिन हाल ही में भर्ती प्रक्रिया पर उठे विवाद के कारण मेरी व्यक्तिगत प्रतिष्ठा और आयोग की गरिमा प्रभावित हुई है।
इसी कारण मैं नैतिक आधार पर RPSC सदस्य पद से इस्तीफा दे रही हूं।”
साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि:
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उनके खिलाफ किसी भी एजेंसी में कोई जांच लंबित नहीं है।
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उन्हें किसी मामले में आरोपी नहीं ठहराया गया है।
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उनका इस्तीफा आयोग की निष्पक्षता और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए है।
🔹 सोशल मीडिया पर विवाद और राजनीतिक असर
इस इस्तीफे के बाद सोशल मीडिया पर RPSC की पारदर्शिता को लेकर बहस तेज हो गई है।
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कई लोग इसे “RPSC की साख पर सबसे बड़ा दाग” बता रहे हैं।
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विपक्षी दलों ने इसे सरकार की नाकामी करार दिया है।
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प्रशासनिक हलकों में चर्चा है कि यह इस्तीफा RPSC की साख बचाने की कोशिश भी हो सकता है।
🔹 आगे क्या? RPSC पर उठ रहे बड़े सवाल
इस घोटाले और इस्तीफे के बाद राजस्थान में भर्ती प्रणाली की पारदर्शिता पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है।
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क्या RPSC की आगामी भर्तियां अब नई प्रणाली के तहत होंगी?
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क्या हाईकोर्ट सीबीआई जांच की सिफारिश कर सकता है?
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क्या अन्य आयोग सदस्य भी इस्तीफा देंगे?
आने वाले दिनों में इन सवालों के जवाब राजस्थान की राजनीति और प्रशासन को और प्रभावित कर सकते हैं।
🔹 निष्कर्ष
कुमार विश्वास की पत्नी मंजू शर्मा का इस्तीफा सिर्फ एक व्यक्तिगत फैसला नहीं, बल्कि राजस्थान की भर्ती प्रणाली पर उठ रहे सवालों की गंभीरता को भी दर्शाता है।
SI भर्ती घोटाला अब सिर्फ आयोग की साख का नहीं, बल्कि प्रशासनिक पारदर्शिता की लड़ाई का भी प्रतीक बन चुका है।
अब सबकी निगाहें इस पर टिकी हैं कि आने वाले दिनों में राजस्थान सरकार, RPSC और न्यायपालिका इस विवाद को कैसे सुलझाती हैं।