Marie Biscuit with tea cup

मैरी बिस्किट की कहानी: 150 साल का शाही सफर और भारत का चाय साथी

क्या आपने कभी चाय में बिस्किट डुबोते वक्त यह सोचा है कि वह टूटेगा या बच जाएगा? हम सबकी यही दुविधा रहती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक ऐसा बिस्किट भी बनाया गया था जो खासतौर पर चाय में ना टूटे – और उसका नाम था मैरी बिस्किट (Marie Biscuit)
यह सिर्फ एक बिस्किट की कहानी नहीं, बल्कि 150 साल पुराना शाही इतिहास है, जो इंग्लैंड की महारानी विक्टोरिया से शुरू होकर भारत के हर घर की चाय तक पहुंचा।


मैरी बिस्किट की शुरुआत: एक शाही शादी की कहानी

लंदन 1874 – ब्रिटेन और रूस का मिलन

साल था 1874। लंदन किसी दुल्हन की तरह सजा हुआ था क्योंकि उस दिन महारानी विक्टोरिया के बेटे अल्फ्रेड ड्यूक ऑफ एडिनबर्ग की शादी रूस के जार अलेक्जेंडर द्वितीय की बेटी ग्रैंड डचेस मारिया से हो रही थी।

यह सिर्फ एक शादी नहीं, बल्कि उस दौर की सबसे बड़ी राजनीतिक और सांस्कृतिक घटना थी। पूरे लंदन की सड़कों पर फूल और झंडे लगे थे।

बेकरी का तोहफा: मैरी बिस्किट का जन्म

इस मौके को खास बनाने के लिए लंदन की मशहूर बेकरी Peacock & Freans ने एक नया बिस्किट बनाया।

  • हल्का और कुरकुरा

  • चाय में आसानी से घुलने वाला

  • मीठा लेकिन संतुलित

  • किनारों पर डिजाइन और बीच में लिखा हुआ नाम “Marie”

यह बिस्किट दुल्हन मारिया के सम्मान में बनाया गया था।

1875 में इसे मार्केट में उतारा गया और देखते ही देखते यह पूरे यूरोप में लोकप्रिय हो गया।


यूरोप में मैरी बिस्किट का जलवा

ब्रिटेन बनाम फ्रांस: मिठाइयों की जंग

19वीं सदी में खाने-पीने की चीजें भी सोशल स्टेटस का हिस्सा थीं। फ्रांस अपनी पेस्ट्री और केक के लिए मशहूर था, जबकि ब्रिटेन ने इंडस्ट्रियलाइजेशन का फायदा उठाकर मशीन से बने बिस्किट यूरोप में फैलाए।

1878 पेरिस एक्सपो: ब्रिटिश बिस्किट की जीत

पेरिस वर्ल्ड फेयर 1878 में ब्रिटिश कंपनी Huntley & Palmers ने अपने बिस्किट पेश किए।

  • भीड़ उमड़ पड़ी

  • बिस्किट हफ्तों तक कुरकुरे रहते

  • पैकिंग और मशीन प्रोडक्शन ने फ्रेंच मिठाइयों को पीछे छोड़ दिया

यही वह दौर था जब मैरी बिस्किट यूरोप की पहचान बन गया।


स्पेन में मैरी बिस्किट: संघर्ष और उम्मीद का प्रतीक

स्पेन में इसे कहा गया “Galleta María”

  • 1939 में स्पेनिश सिविल वॉर के बाद, देश आर्थिक संकट से जूझ रहा था।

  • सरकार ने गेहूं से बने सस्ते बिस्किट को रिकवरी का प्रतीक बताया।

  • देखते ही देखते मैरी बिस्किट स्पेनिश परिवारों की रसोई का हिस्सा बन गया।


मैरी बिस्किट की भारत यात्रा

ब्रिटिश अफसरों के साथ भारत पहुंचा बिस्किट

ब्रिटिश राज के दौरान अंग्रेज अफसर अपने साथ चाय और बिस्किट की संस्कृति भारत लाए।

  • शुरुआती 1900s में रेलवे नेटवर्क के साथ यह तेजी से फैला।

  • क्लब, पार्टियों और अफसरों की बैठकों में यह स्टेटस सिंबल था।

भारतीय समाज में स्वीकार्यता

भारतीय घरों ने मैरी बिस्किट को “पवित्र और शुद्ध” माना क्योंकि:

  • मशीन से बना (हाथ से छुआ नहीं गया)

  • पैकेट बंद (सुरक्षित और साफ)

प्रकाश टंडन (Hindustan Lever के पहले भारतीय चेयरमैन) अपनी आत्मकथा Punjabi Century में लिखते हैं कि उनके घर में भी इंग्लिश चीनी मिट्टी के बर्तन और पैकेट बंद बिस्किट ने “शुद्धता” के विचार को बदल दिया था।


आज़ादी के बाद: तीन बड़ी कंपनियों की जंग

भारत में मैरी बिस्किट तीन बड़े खिलाड़ियों के बीच बंट गया:

1. Britannia – Mary Gold

  • सबसे पुराना ब्रांड

  • “मैरी मतलब Britannia” वाली पहचान

  • तमिलनाडु की हाउसवाइफ्स से राय लेकर नमकीन मैरी भी लॉन्च की

2. Parle – Mary

  • 1980s में एंट्री

  • कैंपेन: “मैरी कहो, Parle जोड़ो”

  • लोगों की आदत को हथियार बनाया

3. Sunfeast – Marie Lite & Veda Marie

  • 2000s में ITC ने सेहत का एंगल दिया

  • अश्वगंधा, अदरक, तुलसी जैसे आयुर्वेदिक इंग्रीडिएंट्स मिलाए

  • टैगलाइन: “स्वाद भी, सेहत भी”


आज का दौर: भारत में मैरी बिस्किट का बाजार

  • Economic Times रिपोर्ट:

    • बाकी बिस्किट्स 7–8% ग्रोथ से

    • लेकिन मैरी बिस्किट 17–18% की रफ्तार से बढ़ रहा है

  • आज मैरी बिस्किट हर दुकान पर मिलता है – चाहे Britannia हो, Parle या Sunfeast।


FAQs

मैरी बिस्किट का नाम कैसे पड़ा?

यह नाम रूस की राजकुमारी ग्रैंड डचेस मारिया के नाम पर रखा गया।

भारत में सबसे ज्यादा कौन सा मैरी बिस्किट बिकता है?

भारत में Britannia Mary Gold सबसे पॉपुलर है, लेकिन Parle और Sunfeast ने भी बड़ा मार्केट शेयर लिया है।

क्या मैरी बिस्किट सेहतमंद है?

यह हल्का और कम मीठा होता है, इसलिए डायबिटिक और डाइट पर रहने वालों के लिए भी बेहतर माना जाता है।

विदेशों में मैरी बिस्किट को क्या कहते हैं?

  • स्पेन: Galleta María

  • मैक्सिको: Pagasa Marías

  • यूरोप: Marie Biscuits


निष्कर्ष

मैरी बिस्किट सिर्फ एक स्नैक नहीं, बल्कि इतिहास का हिस्सा है –

  • एक शाही शादी का तोहफा

  • ब्रिटिश साम्राज्य का स्टेटस सिंबल

  • भारत में “शुद्धता” की पहचान

  • और आज तीन बड़े ब्रांड्स की जंग का मैदान

तो अगली बार जब आप चाय में मैरी बिस्किट डुबोएं, याद रखिएगा कि आप 150 साल पुरानी कहानी का स्वाद ले रहे हैं।

👉 आप किस कंपनी का मैरी बिस्किट पसंद करते हैं – Britannia, Parle या Sunfeast? हमें कमेंट में बताइए और इस आर्टिकल को दोस्तों के साथ शेयर कीजिए।

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