सत्यपाल मलिक का निधन

सत्ता से टकराने वाला राज्यपाल चला गया, सत्यपाल मलिक नहीं रहे

5 अगस्त 2025 को भारत ने एक बेबाक और मुखर नेता को खो दिया। पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का निधन दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में 79 वर्ष की उम्र में हुआ। वे लंबे समय से किडनी की गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे।

📌 मुख्य बातें:

  • सत्यपाल मलिक ने जम्मू-कश्मीर, गोवा, मेघालय और बिहार के राज्यपाल के रूप में सेवाएं दीं।

  • वे कई बार केंद्र सरकार की आलोचना को लेकर चर्चा में रहे।

  • उनका निधन एक लंबी बीमारी और दोनों किडनियों के फेल हो जाने के कारण हुआ।


🏥 बीमारी के कारण अस्पताल में भर्ती

मई 2025 में उनकी तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें RML अस्पताल में भर्ती किया गया था।

  • मूत्र मार्ग में संक्रमण और सेप्सिस की वजह से हालत नाजुक बनी रही।

  • दोनों किडनियों ने काम करना बंद कर दिया था, जिससे वे ICU में थे।

उनके निधन की पुष्टि निजी सचिव केएस राणा ने की।


🧬 किडनी की बीमारी: क्या थी समस्या?

डॉक्टरों के मुताबिक, मलिक को क्रोनिक किडनी डिजीज (CKD) थी, जो बाद में सेप्सिस में बदल गई। यह एक जानलेवा स्थिति होती है जहां शरीर में संक्रमण तेजी से फैलता है।

❗ बचाव के लिए सुझाव:

  • समय पर डायबिटीज और ब्लड प्रेशर का इलाज कराएं।

  • पानी खूब पिएं और नियमित स्वास्थ्य जांच कराएं।

  • संक्रमण के शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज न करें।


📚 राजनीतिक करियर की शुरुआत और सफर

  • जन्म: 24 जुलाई 1946, हिसवाड़ा गांव, बागपत (उत्तर प्रदेश)

  • शिक्षा: मेरठ विश्वविद्यालय से B.Sc और LLB

  • राजनीति में शुरुआत: 1968-69 में मेरठ कॉलेज छात्रसंघ अध्यक्ष

  • विधानसभा सदस्य: 1974-77

  • राज्यसभा सदस्य: 1980-89

  • लोकसभा सांसद (अलीगढ़): 1989-91, जनता दल से


🏛️ राज्यपाल के रूप में अहम भूमिका

जम्मू-कश्मीर में कार्यकाल (2018-2019)

  • मलिक जम्मू-कश्मीर के अंतिम राज्यपाल थे।

  • उनके कार्यकाल में ही अनुच्छेद 370 हटाया गया, जिससे जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त हुआ और यह केंद्र शासित प्रदेश बना।

📌 अन्य राज्यों में कार्यकाल:

  • गोवा और मेघालय के राज्यपाल भी रहे।

  • इन पदों पर रहते हुए भी उन्होंने सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए।


🔥 विवाद और केंद्र सरकार से टकराव

मलिक हमेशा बेबाक बयान देने के लिए जाने जाते रहे।
उन्होंने:

  • पुलवामा हमले (2019) के लिए खुफिया एजेंसियों और सुरक्षा चूक को जिम्मेदार ठहराया।

  • भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार की नरमी पर सवाल उठाए।

  • CBI चार्जशीट को बदले की कार्रवाई बताया।

⚖️ CBI केस क्या है?

  • हाल ही में किरु जलविद्युत परियोजना से जुड़े एक कथित भ्रष्टाचार मामले में CBI ने उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी।


🕊️ नेताओं ने दी श्रद्धांजलि

सत्यपाल मलिक के निधन पर राजनीतिक और सामाजिक हलकों में शोक की लहर दौड़ गई।
कई नेताओं ने उन्हें:

  • ईमानदार,

  • जनहितैषी,

  • और सच्चाई से समझौता न करने वाला नेता बताया।


📌 निष्कर्ष

सत्यपाल मलिक का राजनीतिक जीवन संघर्ष, सिद्धांतों और सच्चाई की मिसाल रहा।
वे न केवल सत्ता में रहे, बल्कि सत्ता से सवाल भी करते रहे।
उनका जीवन एक उदाहरण है कि पद चाहे जो भी हो, सच्चाई के लिए आवाज उठाई जा सकती है।

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